She-Box Portal Launch: कार्यस्थल को महिलाओं के लिए अधिक सुरक्षित और समावेशी बनाने के लिए नया शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च
भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने एक नया 'सेक्सुअल हैरेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स' (शी-बॉक्स) पोर्टल लॉन्च किया है.
She-Box Portal Launch: भारत में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने एक नया 'सेक्सुअल हैरेसमेंट इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स' (शी-बॉक्स) पोर्टल लॉन्च किया है. यह पोर्टल महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समावेशी कार्यस्थल बनाने में मदद करेगा. शी-बॉक्स पोर्टल एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां सभी महिलाएं अपने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कर सकती हैं और उनकी स्थिति को मॉनिटर कर सकती हैं.
डब्ल्यूसीडी मिनिस्टरी ने बताया, "यह पोर्टल सभी आंतरिक समितियों और स्थानीय समितियों की जानकारी का एक केंद्रीय भंडार है, जो सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काम करती हैं." कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना कर रही सभी महिलाएं, चाहे वे संगठित हों या असंगठित, निजी क्षेत्र में हों या सार्वजनिक क्षेत्र में, इस पोर्टल का उपयोग करके अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं और उसकी स्थिति का पता लगा सकती हैं. यह भी पढ़ें: Patna Protest: पटना में कोलकाता की घटना को लेकर महिलाओं का विरोध प्रदर्शन, उठाई इंसाफ की मांग
शिकायत दर्ज होते ही यह सीधे संबंधित अधिकारी के पास पहुंच जाएगी. पोर्टल एक सुनिश्चित शिकायत निवारण प्रक्रिया भी प्रदान करता है और इसके तहत एक नामित नोडल अधिकारी के माध्यम से शिकायतों की वास्तविक समय में निगरानी की जा सकेगी. महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस पहल को कार्यस्थल से संबंधित यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए एक "महत्वपूर्ण कदम" बताया.
नया शी-बॉक्स पोर्टल 2013 के कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध, और निवारण) अधिनियम पर आधारित है, जो कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने और उनकी शिकायतों को सुनने के लिए बनाया गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज करते समय आपकी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं होगी. अन्नपूर्णा देवी ने आगे बताया कि सरकार ने 2047 तक "विकसित भारत" के लक्ष्य की दिशा में महिलाओं के विकास पर जोर दिया है और यह पोर्टल महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समावेशी कार्य वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाता है.