नई दिल्ली. भारत सहित पूरी दुनिया में जुलाई महीने के अंत में लोग 21वीं सदी के सबसे लंबे पूर्ण चंद्रग्रहण से रूबरू होंगे. बता दें कि गुरु पूर्णिमा के दिन 104 साल बाद आ रहा चंद्रग्रहण पौने चार घंटे का होगा. हालांकि जानकार भारत के कई हिस्सों में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. बताना चाहते है कि इस दौरान चांद ब्लड जैसा लाल दिखेगा, इसलिए इसे 'ब्लड मून' नाम दिया जा रहा है. यह चंद्रग्रहण भारतीय समयनुसार 27 जुलाई को रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होकर 28 जुलाई को सुबह 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
जानिए कब होता है चंद्र ग्रहण ?
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रतिच्छाया में आ जाता है. ऐसे में सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं आैर सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पहले चंद्रग्रहण होता है.
हालांकि भारत के कई हिस्सों में लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख पाने में असमर्थ हो सकते है. इसकी वजह है मॉनसून. मौसम विभाग की सूचनाओं और खगोलीय जानकारों के अनुसार भारत के कई हिस्सों में बादल छाए होने की वजह से चंद्रग्रहण को देख पाना मुश्किल होगा. बावजूद इसके जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि अगर मौसम अपनी करवट लेता है तो लोग आसानी से अद्भुत खगोलीय घटना के गवाह बन सकेंगे.
ग्रहण के दौरान ये न करें.
-ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान सोना भी नहीं चाहिए.
- ग्रहण को नग्न आंखो से न देखें.
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है.