नई दिल्ली: साल 2018 चंद दिनों बाद खत्म होने वाला है. वैसे तो आम जनता के लिए साल 2018 काफी-उतार चढाव भरा रहा. इस दौरान मोदी सरकार ने कई कड़े फैसले लिए जबकि कुछ ऐसे बदलाव भी किए गए जिसने देश की आम जनता को बड़ी राहत पहुंचाई. तो आईये जानते है मोदी सरकार के कुछ ऐसे ही बड़े फैसले व बदलाव जिसने करोड़ों लोगों को राहत दी.
आधार कार्ड-
वैसे तो 2018 में मोदी सरकार के कई काम सुर्खियों में छाए रहे. लेकिन इसने से आधार कार्ड का मुद्दा सबसे ज्यादा लोगों में चर्चा का विषय बना रहा. इस दौरान देश के शीर्ष न्यायालय ने भी आधार पर अपना फैसला सुनाया. इस साल शुरुआती नौ महीनों तक आधार कार्ड की अनिवार्यता और निजता के अधिकार को लेकर खूब बहस हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार कार्ड संवैधानिक है, लेकिन कहीं पर भी इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता है. इसके बाद से बैक खाता खुलवाने, मोबाइल नंबर लेने, स्कूलों में दाखिला या किसी अन्य काम के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य नहीं है. लेकिन आयकर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड का होना जरूरी है.
पैन कार्ड-
मोदी सरकार ने पैन कार्ड को लेकर भी कई अहम बदलाव किए है. जिससे आम आदमी के अलावा कॉरपोरेट जगत को भी फायदा मिला. इस साल पैन कार्ड के आवेदन पत्र में बदलाव किया गया. सरकार ने पैन कार्ड के फॉर्म में ट्रांसजेंडर के लिए एक नया कॉलम जोड़ा. इसके साथ ही फॉर्म में पिता के नाम की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दी.
सरकार ने कॉरपोरेट के लिए पैन कार्ड प्राप्त करने हेतु नियमों को सरल बनाया. वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "वित्त अधिनियम, 2018 में आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139ए में संशोधन किया गया, जिसमें परतदार कार्ड के रूप में पैन जारी करने की आवश्यकता को हटा दिया गया था. इसलिए, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा जारी आवेदन के निगमन (सीओआई) में उल्लिखित पैन और टैन को भी कंपनी के निर्धारिती पैन और टैन के पर्याप्त प्रमाण के रूप में माना जाएगा."
ड्राइविंग लाइसेंस-
ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट जैसे दूसरे जरुरी दस्तावेजों को हमेशा साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं है. केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी व इंश्योरेंस सर्टिफिकेट जैसे दूसरे दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी स्वीकार करना शुरू कर दें. आप जांच करने वाले अधिकारी को सभी दस्तावेज 'डिजीलॉकर' व 'एम परिवहन' जैसे मोबाइल ऐप से दिखा सकेंगे.
प्रोविडेंट फंड (पीएफ)-
सभी नौकरी पेशा लोगों को बड़ी राहत देते हुए मोदी सरकार ने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) के नियम में महत्वपूर्ण बदलाव किए. इस साल पीएफ निकालने के नए नियम लागू किए गए. इसके तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह एक महीने के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है. पहले बेरोजगार होने के 2 महीने बाद ही पीएफ का पैसा निकाल सकते थे. नए नियम के बाद अब अगर बेरोजगार शख्स को दोबारा नौकरी मिल जाती है तो उसका पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा जबकि पहले अकाउंट बंद हो जाता था.