8th Pay Commission Pension Update: रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों की पेंशन कैसे बढ़ेगी, क्या फिटमेंट फैक्टर तय करेगा अंतिम रकम का फॉर्मूला? एक क्लिक में जानें A to Z जानकारी
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है और इसके लिए Terms of Reference (ToR) जारी कर दिए गए हैं. आयोग को अब अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है.
8th Pay Commission Pension Update: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है और इसके लिए Terms of Reference (ToR) जारी कर दिए गए हैं. आयोग को अब अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है. इस बीच देश भर के लगभग 68 लाख पेंशनर्स इस रिपोर्ट पर कड़ी नजर रख रहे हैं, क्योंकि यह सीधे तौर पर उनकी पेंशन वृद्धि का निर्धारण करेगी. आठवें वेतन आयोग की चर्चा अक्सर मौजूदा कर्मचारियों के वेतन से जुड़ी होती है, लेकिन वास्तव में इसका सबसे ज्यादा असर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा.
उनकी पेंशन बढ़ाने का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) होगा, जो हर वेतन आयोग के तहत पेंशन और बेसिक पे को गुणा करने का एक मानक फॉर्मूला है.
फिटमेंट फैक्टर निर्धारित करेगा पेंशन में बढोत्तरी
सातवें वेतन आयोग में, यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था. इसका मतलब है कि किसी कर्मचारी के मूल वेतन या पेंशन में 2.57 गुना वृद्धि हुई है. उदाहरण के लिए, अगर किसी की मूल पेंशन ₹20,000 थी, तो नए वेतनमान के तहत यह ₹51,400 हो गई. अगर इस फैक्टर को 3.0 तक बढ़ा दिया जाए, तो मूल पेंशन ₹60,000 हो जाएगी. वहीं, फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ा दिया जाए, तो पेंशन ₹73,600 तक पहुंच सकती है.
इसका अर्थ है कि फिटमेंट फैक्टर जितना अधिक होगा, पेंशन में उतनी ही अधिक वृद्धि होगी. यही फॉर्मूला महंगाई राहत (Dearness Relief), फैमिली पेंशन और EPS (Employees’ Pension Scheme) के तहत मिलने वाले लाभों पर भी लागू होगा.
CGHS मेडिकल कवर में सुधार की मांग
विशेषज्ञों के अनुसार, "फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि से सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन स्वतः ही बढ़ जाएगी. उदाहरण के लिए, यदि डीआर 20% है, तो इसकी गणना नई मूल पेंशन के अनुसार की जाएगी."
इस बीच, पेंशनभोगी संघ (Pensioners Association) की भी कुछ विशिष्ट मांगें हैं. उनकी मांग है कि कम्यूटेशन अवधि 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष की जाए और CGHS मेडिकल कवर में सुधार किया जाए. संगठन का दावा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कई पेंशनर्स को वर्तमान में चिकित्सा व्यय के लिए केवल ₹3,000 प्रति माह मिलते हैं, जिसे बढ़ाकर ₹20,000 किया जाना चाहिए.
पेंशन बढोत्तरी से बढ़ेगा Tax का बोझ
हालांकि, बढ़ी हुई पेंशन से कर (Tax) का बोझ भी बढ़ेगा, क्योंकि आयकर अधिनियम के तहत पेंशन को "Salary Income" के रूप में वर्गीकृत किया गया है. इसलिए, डीआर और मूल पेंशन में वृद्धि का सीधा असर कर देयता पर पड़ेगा.
अब सभी की निगाहें 8वें वेतन आयोग के फिटमेंट फैक्टर पर हैं. यह आंकड़ा जनवरी 2026 से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन में वृद्धि का निर्धारण करेगा.