Online Fraud: अपने ऑनलाइन लेनदेन को बनाना चाहते है सेफ? बस करना होगा ये छोटा-सा काम
कहीं आप भी तो नहीं साइबर ठगों के रडार पर? जी हां हो सकते है अगर आप ऑनलाइन लेनदेन में सजगता नहीं बरतेंगे तो. दरअसल कोरोना वायरस महामारी के दौर में साइबर ठगों की सक्रियता बढ़ी है. आम से लेकर खास तक सभी साइबर ठगी का शिकार हो रहे है. ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर नजर डालें तो कुछ समय पहले ही एक मीडिया कर्मी से करीब 50 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई.
कहीं आप भी तो नहीं साइबर ठगों के रडार पर? जी हां हो सकते है अगर आप ऑनलाइन लेनदेन में सजगता नहीं बरतेंगे तो. दरअसल कोरोना वायरस महामारी के दौर में साइबर ठगों की सक्रियता बढ़ी है. आम से लेकर खास तक सभी साइबर ठगी का शिकार हो रहे है. ऑनलाइन फ्रॉड से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर नजर डालें तो कुछ समय पहले ही एक मीडिया कर्मी से करीब 50 हजार रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई. डेबिट कार्ड नहीं, बल्कि अपने UPI ऐप GPay, PhonePe, Amazon Pay, Paytm की मदद से एटीएम से निकाले पैसा- जानें तरीका
जानकारी के अनुसार, मुंबई में 24 वर्षीय एक महिला मीडिया कर्मी से साइबर अपराधी ने करीब 50 हजार रुपये की कथित रूप से ठगी की है. आरोपी ने महिला को उनकी वरिष्ठ कर्मी के नाम से बनी फर्जी ईमेल आईडी से ईमेल भेजकर आर्थिक मदद मांगी थी. जिसकी जांच-पड़ताल किए बिना ही महिला ने ईमेल में उल्लेखित खाते में पहले 25 हजार रुपये और फिर 24,700 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. रकम भेजने के बाद महिला ने अपनी वरिष्ठ कर्मी से जब इस बारे में पूछा तो वह यह जानकार हैरान रह गई कि उन्होंने पीड़िता से कोई आर्थिक मदद नहीं मांगी थी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी किये गए आंकड़ों पर गौर करें तो डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी (Digital Payment Frauds) क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से बड़े पैमाने पर होती है. हालांकि अगर हम और आप सचेत रहें तो धोखेबाजों का शिकार बनने से बचा जा सकता है.
डिजिटल लेनदेन (Digital Transaction) के दौरान ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के नीचे कुछ जरूरी टिप्स बताए गए है-
- एक अनुमान लगाने के लिए कठिन पासवर्ड का उपयोग करें जिसमें अपर केस, लोअर केस लेटर्स, संख्याएं और सिम्बल शामिल हों
- सभी ऑनलाइन खातों के लिए एक ही यूज़र नेम और पासवर्ड का उपयोग न करें.
- जितनी बार हो सके पासवर्ड बदलें, लेकिन कम से कम हर तीन महीने में तो अवश्य ही बदलें
- अपने पासवर्ड या यूज़र आइडेंटिफिकेशन की जानकारी साझा न करें
- अपने लेनदेन को पूरा करने के बाद बैंक, क्रेडिट कार्ड और मर्चेंट साइटों से हमेशा लॉग आउट करें
- अपने कंप्यूटर को मर्चेंट या बैंकिंग वेबसाइटों के लिए यूज़र नेम और पासवर्ड संग्रहीत करने की अनुमति न दें.
- ऑनलाइन साइटों के लिए सुरक्षा प्रश्न सेट करते समय, आपकी व्यक्तिगत जानकारी को लेकर गलत जानकारी का उपयोग करें, और अपने उत्तरों पर नज़र रखें
- सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन केवल ऐसी वेबसाइट पर होना चाहिए जो "https://" से शुरू होती है. वेब एड्रेस की शुरुआत में "http" के बाद "S" के बिना किसी विक्रेता पर भरोसा न करें.
- हर इंटरनेट खरीद और लेनदेन के रिकॉर्ड रखें, और उनकी तुलना मासिक रूप से क्रेडिट कार्ड व बैंक स्टेटमेंट से करें. किन्ही भी विसंगतियों की रिपोर्ट कार्ड जारी करने वाले को तुरंत करें.
- यह जानें कि आपका प्रत्येक क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से बचाव और देयता से बचाव के रूप में क्या प्रदान करता है. यह जानें कि धोखाधड़ी के प्रति संरक्षण कवरेज के लिए डॉलर की राशि की सीमाएं क्या हैं.
- हमेशा एक मजबूत एंटी-वायरस और फ़ायरवॉल सिक्योरिटी प्रोग्राम के सबसे अपडेटेड संस्करण का उपयोग करें.
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपके प्रोग्राम में नए घोटालों और हैकर्स की तिकड़मों के बारे में नवीनतम जानकारी है, अपने एंटीवायरस और फ़ायरवॉल प्रोग्राम्स के अपडेट उपलब्ध होने पर डाउनलोड करें और लागू करें .
- अपने कंप्यूटर पर नियमित रूप से वायरस स्कैन चलाएं.
- एक ऐड-ब्लॉकिंग सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और एक स्पाइवेयर डिटेक्शन प्रोग्राम का उपयोग करें. इन प्रोग्राम्स को अपडेटेड रखें और उनके द्वारा स्कैन अक्सर चलाएं.
- "ईजी पे" भुगतान विकल्प या "वन-क्लिक ऑर्डरिंग" का उपयोग न करें. किसी व्यापारी साइट पर यूज़र नेम और पासवर्ड दर्ज करने के लिए केवल कुछ अतिरिक्त सेकंड लगते हैं लेकिन क्रेडिट कार्ड से जुडी ऑनलाइन धोखाधड़ी से उबरने में अक्सर महीनों लगते हैं.
- अपने इंटरनेट ब्राउज़र के सबसे नवीनतम अपडेटेड वर्जन का उपयोग करें. वे वेब के माध्यम से भेजे गए डेटा को परिमार्जित व संरक्षित करने के लिए सबसे हालिया तकनीक का उपयोग करेंगे.