Online FIR Step-by-Step Guide: आज की डिजिटल दुनिया में लगभग हर काम ऑनलाइन हो गया है, और इसी कड़ी में एक बड़ी सुविधा है - ऑनलाइन FIR दर्ज कराना. अब आपको छोटी-मोटी चोरी या किसी दस्तावेज़ के खो जाने जैसी शिकायतों के लिए पुलिस स्टेशन के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं है. आप घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
आइए, जानते हैं कि बिना थाने जाए ऑनलाइन FIR (e-FIR) कैसे दर्ज की जाती है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है.
ऑनलाइन FIR क्या है?
ऑनलाइन FIR या e-FIR, फर्स्ट इनफॉरमेशन रिपोर्ट (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करने का एक डिजिटल तरीका है. यह सुविधा भारत के लगभग सभी राज्यों की पुलिस ने अपने वेब पोर्टल पर शुरू कर दी है. इसका मकसद लोगों को बिना किसी परेशानी के अपनी शिकायत दर्ज करने में मदद करना और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है.
किन मामलों में ऑनलाइन FIR कर सकते हैं?
यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हर मामले में ऑनलाइन FIR नहीं की जा सकती. आमतौर पर, यह सुविधा असंज्ञेय (Non-cognizable) अपराधों के लिए होती है, जिनमें तुरंत गिरफ्तारी की ज़रूरत नहीं होती. जैसे:
- मोबाइल फोन, लैपटॉप या कोई गैजेट चोरी होना.
- गाड़ी (बाइक, कार) चोरी होना.
- पर्स, बैग या ज़रूरी दस्तावेज़ (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) खो जाना या चोरी हो जाना.
- साइबर क्राइम (कुछ मामलों में).
गंभीर अपराधों जैसे कि हत्या, डकैती, बलात्कार या अपहरण के मामलों के लिए आपको नज़दीकी पुलिस स्टेशन जाकर ही FIR दर्ज करानी होगी.
ऑनलाइन FIR दर्ज करने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया (Step-by-step Process to Register FIR Online)
ऑनलाइन FIR दर्ज करने की प्रक्रिया अलग-अलग राज्यों के पुलिस पोर्टल पर थोड़ी भिन्न हो सकती है, लेकिन मूल प्रक्रिया लगभग एक जैसी ही है.
स्टेप 1: अपने राज्य की पुलिस वेबसाइट पर जाएं सबसे पहले आपको अपने राज्य की पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. आप गूगल पर "[आपके राज्य का नाम] Police" लिखकर सर्च कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, "UP Police" या "Delhi Police".
स्टेप 2: सिटिजन पोर्टल या e-FIR का विकल्प ढूंढें वेबसाइट के होमपेज पर आपको "Citizen Services" (नागरिक सेवाएं), "Online Complaint" (ऑनलाइन शिकायत) या "e-FIR" जैसा कोई विकल्प दिखाई देगा. इस पर क्लिक करें.
स्टेप 3: खुद को रजिस्टर करें अगर आप पहली बार इस पोर्टल का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको पहले खुद को रजिस्टर करना होगा. इसके लिए आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसी सामान्य जानकारी भरनी होगी. आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा, जिससे आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाएगा.
स्टेप 4: FIR फॉर्म भरें रजिस्ट्रेशन के बाद लॉग-इन करें और FIR दर्ज करने वाले विकल्प को चुनें. अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको घटना से जुड़ी सारी जानकारी ध्यान से भरनी होगी:
- शिकायतकर्ता की जानकारी: आपका नाम, पता, और संपर्क विवरण.
- घटना का विवरण: घटना कब और कहाँ हुई (तारीख, समय और स्थान).
- घटना का प्रकार: चोरी, गुमशुदगी आदि का विकल्प चुनें.
- पूरा ब्यौरा: घटना कैसे हुई, क्या-क्या सामान चोरी हुआ या खोया है, उसकी पूरी जानकारी दें. अगर किसी पर शक है तो उसका भी उल्लेख करें.
- दस्तावेज़ अपलोड करें: अगर आपके पास चोरी हुए सामान की कोई तस्वीर, बिल या खोए हुए दस्तावेज़ की फोटोकॉपी है, तो उसे अपलोड करें.
स्टेप 5: फॉर्म सबमिट करें सारी जानकारी भरने के बाद, एक बार उसे ध्यान से पढ़ लें ताकि कोई गलती न रह जाए. इसके बाद फॉर्म को सबमिट कर दें.
स्टेप 6: रेफरेंस नंबर सेव करें फॉर्म सबमिट होते ही आपको एक कंप्लेंट या रेफरेंस नंबर मिलेगा. इस नंबर को संभाल कर रखें. आप इसी नंबर से भविष्य में अपनी FIR का स्टेटस ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं.
आगे क्या होता है?
आपकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस उसे वेरिफाई करती है. अगर आपकी शिकायत सही पाई जाती है और मामला संज्ञेय अपराध का लगता है, तो पुलिस इसे एक रेगुलर FIR में बदल देती है और जांच शुरू कर देती है. पुलिस ज़रूरत पड़ने पर आपसे संपर्क भी कर सकती है.
ध्यान रखने वाली बातें
- हमेशा सही और सच्ची जानकारी ही दें. झूठी FIR दर्ज करना एक कानूनी अपराध है.
- यह सुविधा मुख्य रूप से छोटी-मोटी घटनाओं और गैर-आपातकालीन स्थितियों के लिए है. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें.
- अपनी FIR की एक डिजिटल या प्रिंटेड कॉपी अपने पास ज़रूर रखें.
यह सुविधा वाकई आम आदमी के लिए बहुत फायदेमंद है. यह न केवल आपका समय बचाती है, बल्कि आपको पुलिस स्टेशनों के चक्कर काटने की झंझट से भी मुक्त करती है.













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