GPS Toll Collection Test: भारतीय सड़कों पर वाहन चालकों को लंबे इंतजार और जाम से जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद है. केंद्र सरकार अगले महीने से एक नए तरह के टोल कलेक्शन सिस्टम का ट्रायल शुरू करने जा रही है, जिसमें जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक को फास्टैग से भी ज्यादा तेज और कारगर बताया जा रहा है, यहां तक कि भविष्य में फास्टैग को पूरी तरह से जीपीएस टोलिंग द्वारा बदलने की भी संभावना है.
क्या है जीपीएस टोलिंग?
जीपीएस टोलिंग में वाहनों पर विशेष डिवाइस लगाई जाएगी, जो उनकी लोकेशन का पता लगाएगी. जैसे ही कोई वाहन किसी टोल ज़ोन में प्रवेश करेगा, उसकी दूरी के हिसाब से टोल टैक्स की राशि स्वचालित रूप से उसके जुड़े बैंक खाते से काट ली जाएगी. इस प्रक्रिया में न तो गाड़ी को रोकने की जरूरत होगी और न ही कोई टोल बूथ देखने को मिलेगा. यह पूरी तरह से डिजिटल और निर्बाध सफर का अनुभव देगा. Jio & Airtel 5G Price Hike: जियो-एयरटेल ने ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, 5G अनलिमिटेड डेटा प्लान होगा बंद, कीमत बढ़ाने की तैयारी में कंपनी
देखें- कैसे काम करेगा GPS टोल सिस्टम
फास्टैग से बेहतर क्यों?
फास्टैग प्रणाली ने टोल प्लाजा पर लगने वाली लाइनों को काफी कम कर दिया है, लेकिन फिर भी कुछ कमियां मौजूद हैं. जैसे, फास्टैग सिर्फ टोल बूथ के पास ही प्रभावी होता है, इसलिए कुछ चालक बगैर टैक्स दिए ही दूसरे रास्तों से निकल जाते हैं. वहीं, जीपीएस तकनीक हर वाहन को लगातार ट्रैक करती है, जिससे टोल चोरी की गुंजाइश बिल्कुल खत्म हो जाएगी. साथ ही, जीपीएस सिस्टम दूरी के हिसाब से टोल वसूलने में सक्षम है, जबकि फास्टैग पूरे सेक्शन के लिए एक समान फीस लेता है.
🚨 Union government to begin testing GPS based toll collections from next month. GPS tolling is faster, more efficient and is expected to replace FASTag. pic.twitter.com/F4X70mkGwy
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) January 15, 2024
कब और कहां होगा ट्रायल?
जीपीएस टोलिंग का ट्रायल सबसे पहले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कुछ चुनिंदा वाहनों पर किया जाएगा. इस ट्रायल के सफल होने पर इसे देश के अन्य हाईवेज पर भी लागू किया जा सकता है. हालांकि, फिलहाल फास्टैग प्रणाली जारी रहेगी और वाहन चालकों को दोनों में से कोई भी विकल्प चुनने की स्वतंत्रता होगी.
भविष्य की सड़कें: टोल बूथ मुक्त?
अगर जीपीएस टोलिंग सफल साबित होता है, तो यह भारत की सड़कों का स्वरूप बदल सकता है. टोल बूथ धीरे-धीरे खत्म हो सकते हैं और यात्रा और भी तेज एवं सुगम हो सकती है. इससे ट्रैफिक कंजेशन कम होगा, ईंधन की बचत होगी और देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी.
यह अभी देखना बाकी है कि जीपीएस टोलिंग कितना सफल होता है, लेकिन यह निश्चित है कि यह एक क्रांतिकारी कदम है, जो भारतीय सड़कों की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है.













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