हैदराबाद: भारतीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने अमेरिकी बाजार से ट्रांसप्लांट किए गए अंगों को रिजेक्ट होने से रोकने वाली एक जेनेरिक दवा की 8,280 बोतलों को वापस मंगाने का फैसला किया है. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (USFDA) द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पैकेजिंग में गड़बड़ी के कारण यह कदम उठाया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि 1 मिलीग्राम की क्षमता वाले टैक्रोलिमस कैप्सूल की एक बोतल में 0.5 मिलीग्राम की क्षमता वाला कैप्सूल मिला है. यह गड़बड़ी डॉ. रेड्डीज के हैदराबाद के पास बछुपल्ली स्थित संयंत्र में हुई है. Drug HCQ: कोरोना में मलेरिया की दवा एचसीक्यू को लेकर चौकाने वाला खुलासा, रिसर्च में 17 हजार लोगों की मौत का अनुमान
दूसरी बार हो रही वापसी: गौरतलब है कि डॉ. रेड्डीज ने पिछले साल मार्च में भी इसी दवा की 4,000 बोतलों को वापस मंगाया था. USFDA के अनुसार, दूसरी श्रेणी का रिकॉल ऐसी स्थिति में किया जाता है जहां किसी दवा के इस्तेमाल या उसके संपर्क में आने से अस्थायी या मेडिकली ठीक होने वाले स्वास्थ्य प्रभाव पड़ सकते हैं या गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव की संभावना बहुत कम होती है.
क्या है टैक्रोलिमस: टैक्रोलिमस एक इम्यूनोसप्रेसेंट दवा है जिसका इस्तेमाल ट्रांसप्लांट किए गए अंगों को शरीर द्वारा रिजेक्ट होने से रोकने के लिए किया जाता है. इस दवा का जेनेरिक वर्जन डॉ. रेड्डीज द्वारा निर्मित किया जाता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय को सूचित: मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉ. रेड्डीज ने भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी इस रिकॉल के बारे में सूचित किया है. कंपनी ने संभावित रूप से प्रभावित सभी दवा विक्रेताओं और वितरकों को तत्काल इस दवा को लौटाने के निर्देश दिए हैं.
मरीजों के लिए सलाह: जिन रोगियों का इलाज इस दवा से चल रहा है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें और वैकल्पिक दवा के बारे में चर्चा करें. रोगियों को इस दवा का सेवन करना बंद नहीं करना चाहिए बल्कि डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना चाहिए.