नई दिल्ली: चीन द्वारा बार-बार अंतराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन करने के मामलों में आई तेजी के बाद भारत ने इंडो तिबतियन बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) की ताकत बढ़ाने जा रही है. प्रस्ताव के मुताबिक गृह मंत्रालय ने करीब 9000 जवान सहित पूर्वोत्तर राज्य में सामरिक महत्व का सेक्टर हेडक्वार्टर भी स्थापित किया जाएगा.
पीटीआई द्वारा प्राप्त आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, चीन से लगी सीमा की रखवाली में तैनात आईटीबीपी में नौ नई बटालियन शामिल की जाएंगी जिनमें नौ हजार सुरक्षाकर्मी-अफसर तैनात किए जाएंगे. साथ ही 47 नए बॉर्डर आउट पोस्ट बनाए जाएंगे. इसके अलावा लद्दाख और अरुणाचल के 18 आउट पोस्ट की शक्ति बढ़ाई जाएगी.
बता दें की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के आसपास चीन की सेना की गतिविधियां के बढ़ने के बाद बीते महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा की निगरानी और सुरक्षा के लिहाज से बढ़ी जरूरतों पर बैठक बुलाई थी. जिसमें अग्रिम चौकियों पर तैनात आईटीबीपी जवान के लिए नई चौकियों और अधिक सुरक्षाबल की जरूरत पर चर्चा हुई थी.
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले महीने मंजूरी के बाद नई बटालियनों के लिए नई भर्ती शुरू की जाएगी. साथ ही निचले स्तर के 6000 पदों के लिए भी भर्ती शुरू कर दी जाएगी. नया सेक्टर हेडक्वाटर अरुणाचल प्रदेश में स्थापित हो सकता है, जिसकी कमान डीआईजी रैंक (उप महानिरीक्षक) के अफसर को दी जाएगी. वहीँ 12 निगरानी चैकियां बर्फीले हिमालयी क्षेत्र में बनाएं जाने पर विचार हो रहा है.
वर्तमान में आईटीबीपी में 90 हजार जवान-अफसर हैं जो नौ हजार से लेकर 14 हजार की ऊंचाई वाले साढ़े तीन हजार किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र निगरानी करते हैं. पिछले साल जून में जब चीनी सैनिक डोकलाम में सड़क बना रहे थे तब भारतीय जवानों ने उन्हें रोक दिया था और दोनों देश आमने-सामने आ गए थे. दोनों देशों के बीच इस विवाद को लेकर सेनाएं करीब 70 दिनों तक आमने सामने थीं.
बता दें कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के लिए दुनियाभर में बदनाम है. भारत से सटी सीमा पर चीन अक्सर निर्माण कार्य करता हुआ देखा गया है. डोकलाम गतिरोध के बाद भी वहां चीनी सेना द्वारा कैंप लगाने और आसपास के इलाकों में आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सड़क निर्माण करते हुए देखा गया. गूगल अर्थ इमेजेस से मिली जानकारी के अनुसार चीन सियाचिन बॉर्डर के पास शक्सगम घाटी में सड़क निर्माण कर रहा है.