कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की शुरुआत के बाद से देश में स्मार्टफोन से लेनदेन में भारी वृद्धि दर्ज की गई है, हालांकि इसके साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े है. जालसाज अब लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. ऑनलाइन फ्रॉड के जरिये आम जनता के साथ ही बैंकों और देश की वित्तीय संस्थानों को भी चूना लगाया जा रहा है. कोविड-19 से हुई उथल-पुथल नए वित्तीय साइबर अपराधों को जन्म दे सकती है: एफआईयू
कुछ महीनों पहले आई गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के दौरान ऐसे साइबर अटैक की संख्या बहुत बढ़ गई है, जो आम नागरिकों की सूचनाओं और उनके बैंक खातों पर नजर रखते हैं. लोगों को गुमराह कर पैसे कैसे ऐंठना है, साइबर अपराधियों ने इसका रास्ता निकाल लिया है. वे कोई न कोई बहाना बनाकर लोगों से पैसे ठग रहे हैं. इसमें से बहुत सारे मामले गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर से जुड़े होते है.
अमूमन लोग हर प्रकार के कस्टमर केयर नंबर की तलाश गूगल पर करते है. लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट के कस्टमर केयर नंबर से लेकर किसी प्रोडक्ट की सर्विस करवाने तक के लिए नंबर गूगल पर ही सर्च करना बेहतर समझते है. हालांकि ऐसा बिलकुल नहीं है. गूगल पर मौजूद अनगिनत कस्टमर केयर नंबर फेक है, जो कि ठगों द्वारा डाले गए है. अब तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके है, जिसमें लोगों को कस्टमर केयर बनकर छला जाता है.
इनके अलावा भी साइबर अपराधी कई नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. नीचे दिए गए यूट्यूब वीडियो में भी PhonePe फ्रॉड का एक नया तरीका बताया गया है. जिसमें ठग फोनपे का कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बनकर एक शख्स से बात कर रहा है. दरअसल साइबर फ्रॉड उस शख्स को पैसे रिफंड करने के बहाने अकाउंट से पैसे डेबिट करवाना चाहता है, लेकिन कामयाब नहीं होता है.
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि ठग मिलते-जुलते नामों वाली फर्जी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आईडी बनाकर लोगों को शिकार बनाते है. इसलिए यूपीआई आईडी से लेनदेन करने से पहले सावधान बरतनी बेहद जरुरी है. इसके आलावा धोखेबाज किसी व्यक्ति को डेबिट लिंक भेजते है और उन्हें अपने जाल में फांसकर लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते है. जैसे ही व्यक्ति यूपीआई पिन डालता है तो उसके पैसे कट जाते हैं.
डिजिटल भुगतान एप फोनपे ने बीते साल नवंबर महीने में दावा किया था कि उसने देश में 25 करोड़ पंजीकृत यूजर्स की संख्या को पार कर लिया है. कंपनी ने अक्टूबर में 83.5 करोड़ यूपीआई लेन-देन के ट्रांजेक्शन किए, जिसमें बाजार में 40 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है. डिजिटल भुगतान मंच ने अगस्त में कहा था कि वह अगले एक साल में पूरे भारत में 2.5 करोड़ से अधिक छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल भुगतान को सक्षम करेगा. करीब 500 शहरों में करोड़ों मर्चेंट आउटलेट्स पर फोनपे स्वीकार किए जाते हैं.