सनातन धर्म में अनंत पद्मनाभ स्वामी व्रत एवं पूजा एक धार्मिक अनुष्ठान है, इस दिन भगवान विष्णु के अनंत पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है, जो अनंत शेषनाग पर विश्राम करते हैं, यह पवित्र व्रत एवं पूजा भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के दिन रखा जाता है, मान्यता है कि भगवान विष्णु के इस अनंतनाभ स्वामी स्वरूप की पूजा करने से जातक के तमाम कष्ट, पाप एवं दुख दूर हो जाते हैं. गौरतलब है कि इस वर्ष 07 सिंतबर 2025, शनिवार को अनंत पद्मनाभ स्वामी व्रत एवं पूजा का आयोजन सम्पन्न होगा. आइये जानते हैं, इस व्रत-पूजा का महत्व, शुभ मुहूर्त, मंत्र एवं पूजा विधि इत्यादि के बारे में...
अनंत पद्मनाभ मूल तिथि एवं मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 03.12 AM (06 सितंबर 2025, शनिवार)
अनंत चतुर्दशी तिथि समाप्त: 01.41 AM (07 सितंबर 2025. शुक्रवार)
अनंत पद्मनाभ व्रत पूजा मुहूर्त 07 सितंबर 2025 को सुबह 06.13 बजे से दोपहर 01.41 बजे तक है.
अनंत पद्मनाभ व्रत का महत्व
हिंदू ग्रंथों में भगवान विष्णु को ब्रह्मांडीय सर्प, अनंत पर विश्राम करते हुए दर्शाया गया है, जो सृष्टि और उनके कार्य का प्रतीक है, जो सभी चीजों को गतिमान रखते हैं. अनंत का अर्थ है अंतहीन, और पद्मनाभ उस स्थान की ओर संकेत करता है, जहां भगवान विष्णु का जन्म हुआ था. ऐसी मान्यता है कि आस्था के साथ अनंत पद्मनाभ व्रत का पालन करने से समस्याओं पर विजय प्राप्त होती है, अच्छे स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है. हर साल भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत एवं विशेष अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के साथ किया जाता है.
अनंत पद्मनाभ व्रत अनुष्ठान
अनंत पद्मनाभ स्वामी पूजा प्रारंभ करने से पूर्व, श्रद्धालु 14 धागों वाली एक सूती पट्टी बनाते हैं, तथा दूर्वा घास से एक सर्प ‘अनंत’ बनाते हैं. इसे ‘अनंत दारम पट्टी’ कहा जाता है, इसे बांह में पहनकर पूजा प्रारंभ करते हैं. अनंत चतुर्दशी की पूजा षोडशोपचार विधि से की जाती है, जिसमें 16 विभिन्न अनुष्ठान शामिल होते हैं, पूजा स्थल पर पद्मनाभ स्वामी की एक तस्वीर स्थापित करें. कहीं-कहीं कलश स्थापना भी की जाती है. पूजा के दरमियान निम्न मंत्र का जाप करना लाभदायी होता है.
‘ॐ पन्नगासन वाहनाय नमः’ और
‘अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव।
अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते॥‘
अनंत पद्मनाभ स्वामी को भोग में खीर, दूध की मिठाई और फल अर्पित करते हैं. मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी व्रत एवं पूजा विधि-विधान से करने से, जातक की हर कामना पूरी होती है. जिसमें शांति, सद्भाव, समृद्धि और आर्थिक लाभ आदि शामिल हैं.













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