Anant Chaturdashi 2025: आज देशभर में अनंत चतुर्दशी मनाई जा रही है. ये एक ऐसा त्योहार है जो हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है. हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2025 में ये 6 सितंबर को पड़ रहा है. इस दिन दो बड़े काम होते हैं - एक तो भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा और दूसरा गणेश जी का विसर्जन. चलिए, सब कुछ समझते हैं.
अनंत चतुर्दशी का महत्व क्या है?
अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु को समर्पित है. "अनंत" का मतलब है जो कभी खत्म न होने वाला. लोग मानते हैं कि इस दिन पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, मुश्किलें दूर होती हैं और अनंत फल मिलता है. ये दिन गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आता है, इसलिए गणपति बप्पा को विदाई देने का भी ये आखिरी दिन होता है. गणेश जी को विसर्जन करके हम ये संदेश देते हैं कि सब कुछ बदलता है, लेकिन भक्ति हमेशा रहती है. साथ ही, इस दिन अनंत सूत्र बांधा जाता है, जो एक 14 गांठ वाला धागा होता है. ये सूत्र सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक है.
2025 में अनंत चतुर्दशी कब है और मुहूर्त क्या है?
- सुबह का शुभ मुहूर्त: 7:36 AM से 9:10 AM (शुभ चौघड़िया)
- दोपहर का मुहूर्त: 12:19 PM से 5:02 PM (लाभ, अमृत चौघड़िया)
- शाम का मुहूर्त: 6:37 PM से 8:02 PM (लाभ चौघड़िया)
- रात का मुहूर्त: 8:02 PM से 1:41 AM (शुभ, अमृत, चर चौघड़िया)
ये मुहूर्त दिल्ली के समय के अनुसार हैं.
अनंत पूजा कैसे करें? सरल विधि
- सुबह उठकर स्नान करें: पीले कपड़े पहनें और पूजा की जगह साफ करें.
- पूजा स्थल सजाएं: उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान विष्णु या लक्ष्मी-नारायण की फोटो या मूर्ति रखें. एक
- मंडप बनाएं, जहां कुशा घास या चावल से अनंत भगवान का प्रतीक बनाएं.
- अनंत सूत्र तैयार करें: 14 गांठ वाला पीला या लाल धागा लें. इसमें हल्दी, कुमकुम लगाकर पूजा में रखें.
- पूजा सामग्री: चंदन, फूल, अगरबत्ती, फल, मिठाई, तुलसी पत्र तैयार रखें. भगवान को भोग लगाएं, जैसे खीर या फल.
- मंत्र जपें: "ओम अनंताय नमः" या "अनंतसागरे देव महाभागे रक्ष मां शरणागतम्" का जाप करें.
- आरती करें: विष्णु जी की आरती गाएं और अनंत सूत्र को दाहिने हाथ में बांधें (महिलाएं बाएं हाथ में).
- कथा सुनें: पूजा के बाद कथा पढ़ें या सुनें.
- पूजा के बाद दान करें, जैसे ब्राह्मण को भोजन या कपड़े दें. इससे पुण्य मिलता है.
अनंत चतुर्दशी की कथा (Anant Chaturdashi Katha)
अनंत चतुर्दशी की एक प्रसिद्ध कथा है. प्राचीन समय में सुमंत नाम का एक ब्राह्मण था. उसकी पत्नी दीक्षा थी और बेटी सुशीला बहुत सुंदर थी. सुशीला का विवाह कौंडिन्य ऋषि से हुआ. लेकिन घर में गरीबी थी. एक दिन कौंडिन्य और सुशीला जंगल में गए, वहां एक बूढ़ी औरत अनंत व्रत कर रही थी. सुशीला ने व्रत की विधि सीखी और अनंत सूत्र बांधा. इससे उनका जीवन खुशहाल हो गया. लेकिन एक बार कौंडिन्य ने गुस्से में सूत्र तोड़ दिया, तो फिर मुश्किलें आईं. बाद में उन्होंने फिर व्रत किया और सब ठीक हो गया.ये कथा बताती है कि अनंत व्रत से जीवन की रक्षा होती है और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है.
गणेश विसर्जन कैसे करें? (Ganpati Visarjan Muhurat)
आज का पंचांग (6 सितंबर 2025- Today Panchang) आज का पंचांग दिल्ली के लिए कुछ ऐसा है:
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विवरण |
समय/विवरण |
|---|---|
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सूर्योदय |
06:02 AM |
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सूर्यास्त |
06:37 PM |
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चंद्रोदय |
05:52 PM |
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चंद्रास्त |
05:19 AM (7 सितंबर) |
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तिथि |
शुक्ल चतुर्दशी (25:38 तक) |
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नक्षत्र |
धनिष्ठा (22:43 तक) |
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योग |
रवि योग, आदल योग |
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करण |
वणिज |
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राहुकाल |
09:10 AM से 10:44 AM (बचें) |
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अभिजीत मुहूर्त |
12:00 PM से 12:49 PM |
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ब्रह्म मुहूर्त |
04:38 AM से 05:26 AM |
इस पंचांग से पता चलता है कि आज का दिन पूजा के लिए बहुत शुभ है.













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