7th CPC News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सोमवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021-22 ने देश के टैक्सपेयर्स को निराश किया है. इसका मुख्य कारण यह है, क्योंकि केंद्रीय बजट 2021 में आम नागरिकों के लिए आयकर स्लैब में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की गई है. मोदी सरकार ने इस साल के अपने नौवें बजट में आयकर छूट के मामले में मध्यम वर्ग को कोई विशेष राहत नहीं देते हुए स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया है. हालांकि बजट में बुजुर्गो को बड़ी राहत मिली है. बजट में प्रस्ताव रखा गया है कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है. Fact Check: केंद्र सरकार बेरोजगारों को प्रति माह ₹3800 तक का दे रही है बेरोजगारी भत्ता?
भले ही आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन कुछ महीने पहले लागू हुए एक नियम से सरकारी कर्मचारियों को जरुर फायदा मिल सकता है. बीते साल सरकार ने नई कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते (Travelling Allowance) पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दे दी. इसके लिये केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर नियमों में बदलाव किया.
सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं. इन चुनिंदा मामलों में यात्रा या स्थानांतरण के मामले में आने-जाने के खर्च के लिये दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिये दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है. यात्रा भत्ता नियम (Travelling Allowance Rules) जानने के लिए यहां क्लिक करें.
इनके अलावा यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिये दिये जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है.
हालांकि, सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर (पेड) के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी. इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को आयकर की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नई कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया था. इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर से छूट मिलती है. जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करना होगा. इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये सालाना कमाने वालों पर 20 प्रतिशत, 12.5 रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान है. जबकी नयी कर व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिये है, जो कुछ निर्दिष्ट कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं.