7th pay commission: केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारी अपने न्यूनतम वेतन में लंबे समय से बढ़ोतरी की मांग कर रहे है. कई महीनों के इंतजार के बाद भी अब तक इस पर केंद्र सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है. हालांकि कर्मचारियों को उम्मीद है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार आने वाले समय में 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुरूप उनके मूल वेतन (Basic Salary) में वृद्धि का ऐलान करेगी. इसके साथ ही कमर्चारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में संशोधन पर भी केंद्र का निर्णय लेना बाकी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार देश की मौजूदा सुस्त अर्थव्यवस्था के चलते न्यूनतम वेतन (Basic Salary) और डीए में बढ़ोतरी को लेकर फैसला नहीं ले पा रही है. क्योकि अगर सरकार अभी ऐसा करती है तो हजारों करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भार झेलना पड़ेगा. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अभी न्यूनतम वेतन के तौर पर 18,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते है. हालांकि कर्मचारी इसे नाकाफी बताते हुए 26,000 रुपये करने की मांग कर रहे है. 7th Pay Commission: इस वजह से सिर्फ इन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा 17% बढ़ा हुआ डीए
हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई मौको पर आगामी वित्तीय वर्ष में डंवाडोल अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने की बात कही है. सरकार का कहना है कि बाजार में मंदी के हाल सुधरने लगे है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले महीने में सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लेगी.
गौरतलब हो कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाली से पहले महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का तोहफा दिया था. इसके तहत कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता (डीए) पांच प्रतिशत बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया. जिससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों एवं 65 लाख पेंशनधारियों को फायदा हुआ. लेकिन इसमें वही कर्मचारी शामिल थे जिन्हें सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी मिलती है. सरकारी खजाने पर 16 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा.