7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को शहर की कैटेगरी के मुताबिक मिलता है हाउस रेंट अलाउंस, समझे HRA का गणित
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th Pay Commission: केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को उनके ग्रेड और पे-स्केल के मुताबिक मकान भाड़ा भत्ता (House Rent Allowance) दिया जाता है. हालांकि हाउस रेंट अलाउएंस (एचआरए) भी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का ही एक हिस्सा होता है. जिस शहर में कर्मचारी रहता है, उस शहर की कैटेगरी के अनुसार कर्मचारियों को 24 प्रतिशत,16 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की दर से एचआरए (HRA) दिया जाता है. जबकि शहर की कैटेगरी वहां की आबादी पर निर्भर करती है. 7th Pay Commission: अब कठिन वक्त में पेंशन बनेगा सहारा, मोदी सरकार ने नियम बदलकर लाखों कर्मचारियों को दी बड़ी राहत

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद ‘एक्‍स’, ‘वाई’ और ‘जेड’ कैटेगरी के शहरों के लिए एचआरए को संसोधित कर क्रमश: 24 प्रतिशत,16 प्रतिशत और 08 प्रतिशत कर दिया गया. आम तौर पर X श्रेणी शहरों में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अधिकतम उनके मूल वेतन का 24 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है. जबकि Z श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 8 प्रतिशत तक बतौर एचआरए मिलता है, और Y श्रेणी के शहरों में तैनात सरकार के कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 16 प्रतिशत एचआरए के रूप में मिलता है.

आपको बता दें कि 5 लाख तक की आबादी वाला शहर Z श्रेणी में आता है, जबकि 5 लाख से ऊपर और 50 लाख से कम आबादी वाला शहर Y श्रेणी में आता है. जबकि 50 लाख से अधिक आबादी वाला शहर X श्रेणी में शामिल होता है. हालांकि सरकार के पास अधिकार है कि वह शहर की कैटेगरी जनसंख्या बढ़ने पर अपग्रेड कर सकती है.

साथ ही एक्स, वाई एवं जेड शहरों के लिए एचआरए 5400, 3600 एवं 1800 रुपये से कम नहीं होगा. यह नियम सशस्त्र बलों (Army, Navy, Air Force) और अर्द्धसैनिक बलों (Paramilitary Force) के लिए भी लागू है.