7th CPC Latest News: केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत कई प्रकार के पेंशन देती है. इसमें से एक फैमिली पेंशन भी है. केन्द्रीय सिविल सेवाओं (पेंशन) निमय, 1972 के नियम 54 के अनुसार सेवाकाल में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर कर्मचारी का परिवार फैमली पेंशन (Family Pension) का पात्र होता है. 7th Pay Commission: इन सरकारी कर्मचारियों के लिए आई गुड न्यूज, अप्रैल में बढ़कर मिलेगी सैलरी, पेंशनर्स को भी होगा फायदा
केंद्र सरकार ने अपने दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों के वित्तीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फैमिली पेंशन भुगतान की सीमा को 1,25,000 रुपये प्रतिमाह किया है. बीते साल फैमिली पेंशन नियमों में संसोधन करते हुए सरकार ने भुगतान की सीमा 45,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रतिमाह कर दी. इस कदम से स्वर्गवासी हो चुके केंद्रीय कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों का जीवन आसान बना गया है.
पेंशन एवं पेंशनर कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने कुछ समय पहले उस राशि के मामले में एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें अपने माता या पिता की मृत्यु हो जाने पर कोई बच्चा फैमिली पेंशन की दो किस्तें निकालने का हकदार होता है. लेकिन ऐसी दो किस्तों की कुल राशि 1,25,000 से ज्यादा नहीं हो सकती. हालांकि यह पिछली सीमा से ढ़ाई गुना अधिक है.
केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमन 1972 के नियम 54 के उपनियम 11 के अनुरूप, यदि पति और पत्नी दोनों ही सरकारी सेवा में हैं और इस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मौत की स्थिति में उनका जीवित बच्चा अपने माता-पिता की दो फैमिली पेंशन पाने के योग्य होगा. इससे पहले के निर्देशों में तय किया गया था कि ऐसे मामलों में दो फैमिली पेंशन की कुल राशि 45,000 रुपये प्रतिमाह और 27,000 रुपये प्रतिमाह, यानी क्रमश: 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से अधिक नहीं होगी. यह दर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 90,000 रुपये के अधिकतम वेतन के संदर्भ में तय की गई थी.
अब जबकि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अधिकतम वेतन बढ़कर 2,50,000 रुपये प्रतिमाह हो गया है, तो केन्द्रीय सिविल सेवा पेंशन के नियम 54 (11) के अनुसार यह राशि 2,50,000 रुपये का 50 प्रतिशत यानी 1,25,000 रुपये और 2,50,000 रुपये का 30 प्रतिशत यानी 75,000 रुपये तय की गई है.
मौजूदा नियमों के अनुसार यदि किसी बच्चे के माता-पिता सरकारी सेवा में हैं और उनमें से एक की सेवाकाल में मृत्यु हो जाती है या वह सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो स्वर्गवासी होने वाले व्यक्ति की फैमिली पेंशन उसके जीवित साथी को दी जाएगी और यदि उस साथी की भी मौत हो जाती है, तो जीवित बच्चे को, अपनी योग्यता साबित करने के बाद, अपने स्वर्गवासी माता-पिता दोनों की फैमिली पेंशन अदा की जाएगी.