7th Pay Commission: मोदी सरकार ने अपने लाखों पूर्व कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, अब इस वजह से नहीं रुकेगी पेंशन
रुपया (Photo Credits: PTI)

7TH CPC Latest News: अपने लाखों पूर्व कर्मचारियों (Retired Central Government Employees) के जीवन को आसान बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है. हाल ही में केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr Jitendra Singh) ने बताया कि केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र (लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए समय सीमा 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है. मोदी सरकार ने यह कदम कोविड-19 महामारी कठिन वक्त में वरिष्ठ नागरिकों को होने वाली दिक्कतों को देखते हुए उठाया है. अभी पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र देने की अंतिम तिथि 30 नवंबर थी. पेंशन पाने के लिए पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र देना होता है. 7th Pay Commission: नए साल पर इन कर्मचारियों की सैलरी में हो सकता है 95,000 तक का इजाफा, पढ़ें डिटेल्स

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशनभोगी बढ़ाए गए समय सीमा के दौरान जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए किसी भी माध्यम से भौतिक या डिजिटल रूप से ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करके जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं. इस विस्तारित अवधि के दौरान पेंशन वितरण प्राधिकरणों (पीडीए) द्वारा बिना किसी रुकावट के पेंशन का भुगतान जारी रहेगा. मंत्री ने कहा कि पेंशन वितरण करने वाले बैंकों को जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करते समय कोविड-19 के उचित व्यवहार को जारी रखने और बैंक शाखाओं में भीड़भाड़ को रोकने के लिए उचित व्यवस्था और सामाजिक दूरी के उपायों को सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा रिटायर्ड और पेंशनभोगियों सहित समाज के सभी वर्गों के लिए जीवन की सुगमता का ध्यान रखा है. उन्होंने कहा कि रिटायर्ड लोग देश की धरोहर हैं जिन्होंने अपने अनुभव और लंबे समय तक काम कर राष्ट्र को बहुत कुछ दिया है.

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही केंद्रीय मंत्री सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए अनूठी फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी तकनीक को लॉन्च किया था. मंत्री ने कहा कि जीवन प्रमाण पत्र देने की फेस रिकग्निशन तकनीक एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है, क्योंकि यह न केवल 68 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के सहूलियत प्रदान करेगा, बल्कि ईपीएफओ और राज्य सरकार के पेंशनभोगी के अधिकार क्षेत्र से बाहर आने वाले करोड़ों पेंशनभोगियों के जीवन में भी सहूलियत प्रदान करेगा.