पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कमर कस लिया था. फिर चाहे वो अंतरराष्ट्रीय मंच हो या फिर युद्ध का मैदान. आपको बता दें आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए न सिर्फ भारतीय वायुसेना और थल सेना को मुस्तैद किया गया, बल्कि नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, परमाणु हथियार से लैस व परंपरागत पनडुब्बी जहाजों और कई युद्धक पोतों को उत्तरी अरब सागर में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य, परमाणु पनडुब्बी चक्र, 60 पोत और करीब 80 विमान तैनात किए थे.
नौसेना अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि, नौसेना पहले से ही एक बड़ा अभ्यास कर रही थी लेकिन 14 फरवरी के पुलवामा हमले के बाद पोतों को अभ्यास के बदले कार्रवाई के लिए तैनात कर दिया गया. उन्होंने बताया कि नौसेना के करीब 60 पोतों के साथ ही भारतीय तटरक्षक बल के 12 पोतों और करीब 80 विमानों को तैनात कर दिया गया था. नौसेना ने बताया कि इस कदम का मकसद पाकिस्तान की ओर से किसी प्रकार के बला को रोकना और उसे नाकाम करना था.
गौरतलब हो कि पुलवामा के पास गुरुवार को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए हैं. इस आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के 12 जवान शहीद हुए हैं. इस आतंकी हमले के बाद से देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग उठने लगी है.