भारतीय सेना ने LAC पर चीन के लिए बदले  RoE के नियम, फिल्ड कमांडर दे सकेंगे हथियारों के इस्तेमाल की इजाजत
लद्दाख (Photo Credits: AFP/ Representational Image)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन के साथ हिंसक झड़प (India-China Violent Face-Off) की एक घटना के बाद, भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हथियार न ले जाने के नियमों में बदलाव किया है. सेना ने फील्ड कमांडरों को 'असाधारण' परिस्थितियों में हथियार (बंदूक) के उपयोग की अनुमति दी है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के बीच हुए करार के नियमों को बदल दिया गया है और फील्ड कमांडरों को सैनिकों को आदेश देने के लिए असाधारण परिस्थितियों में हथियार (बंदूक) का उपयोग करने का आदेश दिया गया है.

इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए विभिन्न समझौतों के मुताबिक सैनिक सीमा पर हथियार का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे. न्यूज एजेंसी ANI ने बताया, सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच हुए करार के नियमों को बदल दिया गया है. अब फील्ड कमांडरों को अधिकार दिया गया है कि वे असाधारण परिस्थितियों में सैनिकों को हथियारों के इस्तेमाल के आदेश दे सकते हैं. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: आतंकवाद पर सेना का कड़ा प्रहार, पहली बार 4 महीनों में 4 आतंकी संगठनों के चीफ का खात्मा. 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि जमीन पर स्थिति से निपटने के लिए सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई है. भारतीय पक्ष को पूर्वी लद्दाख में तनाव को कम करने के लिए कोर कमांडर स्तर पर प्रस्तावित वार्ता के दौरान चीनी सेना के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने की उम्मीद है. भारत और चीन के बीच 1996 और 2005 में हुए समझौतों के मुताबिक दोनों पक्ष एक दूसरे पर गोली नहीं चलाते हैं. साथ ही दोनों देश एलएसी के दो किमी के दायरे में भी गोली नहीं चलाने पर सहमत थे.

बता दें कि भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच सोमवार रात हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. इस झड़प में चीनी सेना के 43 लोग हताहत हुए. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद पहला ऐसा मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं.