प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया आज हरी झंडी दिखा दी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सिर्फ वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए नीलामी ही लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं. पीएम मोदी इस दौरान कहा महीने भर के भीतर ही, हर घोषणा, हर रिफॉर्म्स, चाहे वो कृषि क्षेत्र में हो, चाहे MSMEs के सेक्टर में हो या फिर अब कोयला और खनन के सेक्टर में हो, तेज़ी से ज़मीन पर उतर रहे हैं,ये दिखाता है कि भारत इस संकट को अवसर में बदलने के लिए कितना गंभीर है, कितना प्रतिबद्ध है. साल 2014 के बाद इस स्थिति को बदलने के लिए एक के बाद एक कई कदम उठाए गए. कोल लिंकेज की बात कोई सोच नहीं सकता था, वो हमने करके दिखाया. ऐसे कदमों के कारण कोयला क्षेत्र को मजबूती भी मिली.
पीएम मोदी जब हम दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक में से एक हैं, तो हम सबसे बड़े एक्सपोर्ट क्यों नहीं हो सकते. यही सवाल करोड़ों भारतीयों के मन में उठता रहा है. देश के कोल स्केटर को कैप्टिव और नॉन कैप्टिव के जाल में उलझाकर रखा गया था. लेकिन वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए आज जो ये नीलामी की शुरुआत हो रही है वो हर हितधारकों के लिए फायदेमंद स्थिति है. इंडस्ट्रीज को, आपको, अपने बिजनेस, अपने निवेश के लिए अब नए साधन मिलेंगे, नया मार्केट मिलेगा.
ANI का ट्वीट:-
We have set a target to gasify around 100 million tonnes of coal by 2030. I have been told that 4 projects have been identified for this and about 20 thousand crores will be invested in them: PM Narendra Modi pic.twitter.com/UtZ4jzBTS9
— ANI (@ANI) June 18, 2020
ANI का ट्वीट:-
To make India self-reliant in the energy sector, a major step is being taken today: PM Narendra Modi https://t.co/U9XrdSDOzO
— ANI (@ANI) June 18, 2020
पीएम मोदी ने कहा कि हमने लक्ष्य रखा है कि साल 2030 तक करीब 100 मिलियन टन कोयले को गैसीफाई किया जाए. मुझे बताया गया है कि इसके लिए 4 प्रोजेक्ट्स की पहचान हो चुकी है और इन पर करीब-करीब 20 हज़ार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे. पीएम मोदी ने कहा देश में 16 आकांक्षात्मक जिले ऐसे हैं, जहां कोयले के बड़े-बड़े भंडार हैं. लेकिन इनका लाभ वहां के लोगों को उतना नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था. यहां से बड़ी संख्या में हमारे साथी दूर, बड़े शहरों में रोज़गार के लिए प्रवास करते हैं. 130 करोड़ भारतवासियों का संकल्प है कि हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना ही है.