नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका को एक ही दिन में दो बार फटकार लगाई है. पहले अमेरिकी विश्वविद्यालयों में हो रहे प्रदर्शनों पर और फिर अमेरिकी विदेश विभाग की भारत में मानवाधिकारों पर जारी रिपोर्ट को लेकर भारत ने अपनी नाराजगी जाहिर की है.
विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन
अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हर लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी और जिम्मेदारी के बीच सही संतुलन होना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों को एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का सम्मान करना चाहिए और आपसी समझ को बढ़ावा देना चाहिए.
#WATCH | On protests at Columbia University and other Universities in the US, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have seen reports on the matter and have been following related events. In every democracy, there has to be the right balance between freedom of expression,… pic.twitter.com/15ycFpQ6vl
— ANI (@ANI) April 25, 2024
अमेरिका की यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. कोलंबिया, लॉस एंजिल्स और ऑस्टिन समेत देशभर के 25 विश्वविद्यालयों में ये प्रदर्शन जारी हैं. ये गाजा में इजराइल के हमले रोकने की मांग कर रहे हैं.
मानवाधिकार रिपोर्ट
भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की भारत में मानवाधिकारों पर जारी रिपोर्ट को "पूरी तरह से पक्षपाती" और "भारत की खराब समझ को दर्शाने वाला" बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस रिपोर्ट को कोई महत्व नहीं देता है. भारत के इस रुख से साफ है कि वह अमेरिका के दबाव में आने वाला नहीं है और अपनी संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा.
#WATCH | On the US State Department report on Human Rights, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "This report is deeply biased and reflects a poor understanding of India. We attach no value to it and urge you to do the same." pic.twitter.com/4XIHgnoswP
— ANI (@ANI) April 25, 2024
अन्य मुद्दों पर भी भारत ने रखी अपनी बात
अज़रबैजान और आर्मेनिया: भारत ने कहा कि उसके अज़रबैजान और आर्मेनिया दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और वह रक्षा निर्यात के लिए मेक इन इंडिया नीति का पालन करता है.
बांग्लादेश-चीन सैन्य अभ्यास: भारत ने कहा कि वह बांग्लादेश और चीन के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास पर नजर रखे हुए है.
खालिस्तानी आंतकी पन्नू की हत्या की साजिश का मामला: भारत ने उच्च स्तरीय समिति गठित करने के अपने रुख को दोहराया.
कश्मीर मुद्दा: भारत ने ईरान-पाकिस्तान संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख किए जाने पर आपत्ति जताई है.
भारत के इस रुख से साफ है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने में अब हिचकिचाता नहीं है और अपने हितों की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़ा है.