India Attacks Canada Govt: भारत सरकार ने सोमवार को कनाडा को जमकर लताड़ लगाई. दरअसल, भारत के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि उसे कनाडा से एक राजनयिक संदेश प्राप्त हुआ है. इसमें कहा गया है, 'कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक एक मामले में ‘रुचिकर व्यक्ति (Person Of Interest)’ हैं. आमतौर पर रुचिकर व्यक्ति वह होते हैं, जिन पर औपचारिक आरोप नहीं लगाए जाते हैं, लेकिन उनकी गतिविधियों, संपर्कों और अन्य जानकारी को जांच के दायरे में रखा जाता है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेतुका और गलत बताया है और इसे जस्टिन ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा करार दिया है, जो मुख्य रूप से वोट बैंक की राजनीति पर आधारित है.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ट्रूडो सरकार ने जानबूझकर उन हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को समर्थन दिया है, जो कनाडा में भारतीय राजनयिकों और सामुदायिक नेताओं को परेशान कर रहे हैं. यह भी आरोप है कि इन आतंकवादियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर संरक्षित किया गया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि कनाडा सरकार चुनाव में लाभ लेने के लिए अवैध रूप से कनाडा में प्रवेश कर चुके लोगों को जल्द से जल्द नागरिकता देने की कोशिश में लगी हुई है. भारत सरकार ने यह भी आरोप लगाया है कि कनाडा ने आतंकवादियों और संगठित अपराध के नेताओं के संबंध में भारत द्वारा किए गए प्रत्यर्पण अनुरोधों को लगातार अनदेखा किया है.
भारत का कहना है कि प्रधानमंत्री ट्रूडो की भारत के प्रति नकारात्मक सोच कोई नई बात नहीं है. 2018 में जब ट्रूडो भारत आए थे, तो उनकी यात्रा ने उनकी असहजता को उजागर किया था. उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं, जो खुले तौर पर भारत विरोधी एजेंडे से जुड़े हुए हैं. 2020 में भारतीय आंतरिक मामलों में ट्रूडो के हस्तक्षेप ने दिखाया कि वह किस हद तक इस संबंध में जाने को तैयार हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ट्रूडो सरकार का यह नया कदम, जिसमें भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाया जा रहा है, भारत के खिलाफ एक संगठित अभियान का हिस्सा है.
ये भी पढें: PM जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के हिंदुओं को दी नवरात्रि की बधाई, बोले ये हमारा भी त्यौहार
यह तब हुआ जब ट्रूडो को विदेशी हस्तक्षेप पर आयोग के सामने गवाही देनी थी. यह घटनाक्रम उसी संदर्भ में देखा जा रहा है. भारत ने ट्रूडो सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वह भारत विरोधी अलगाववादी एजेंडे को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए बढ़ावा दे रही है. भारत ने कनाडा से मांग की है कि वह भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इन गलत आरोपों को तुरंत खारिज करे.