ट्रंप के तंज का भारत ने दिया करारा जवाब, PM मोदी का उड़ाया था मजाक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo Credits: Getty)

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए फंडिंग करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का मजाक उड़ाया है. उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देश में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. ट्रंप ने देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर भारत और अन्य देशों की आलोचना भी की. भारत ने ट्रंप ने इस बयान को खारिज कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को कहा है कि अफगानिस्तान को आगे ले जाने में विकास संबंधी मदद एक बड़ी भूमिका निभा सकती है.

आधिकारिक सूत्रों ने साफ कहा कि अफगानिस्तान में लोगों की जरूरत के हिसाब से भारत कई बड़ी ढांचागत परियोजनाएं और सामुदायिक विकास कार्यक्रम चला रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह के सहयोग से देश को आर्थिक तौर पर सशक्त और स्थिर बनाने में मदद मिलेगी. आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को साल की पहली कैबिनेट बैठक में विदेशों में अमेरिकी निवेश कम करने के अपने रुख को सही ठहराया. इसके साथ ही भारत, रूस, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को कहा.

PM मोदी का उड़ाया था मजाक-

ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देकर कहा कि दुनिया के नेता अपने योगदान का बखान कर रहे हैं जबकि उनका योगदान अमेरिका की ओर से खर्च किए गए अरबों डॉलर के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता. अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने मित्रवत संबंधों का जिक्र तो किया लेकिन अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए भारत के धन मुहैया कराने की उन्होंने आलोचना भी की.

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उधर, सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारत सामुदायिक विकास की अपनी पहल के तहत छोटे पुस्तकालय बना रहा है लेकिन अफगानिस्तान में ज्यादातर निवेश मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्टों पर किया गया है. इसमें सलमा बांध, अफगान संसद की नई इमारत और जरांज से डेलराम तक 218 किमी लंबी सड़क शामिल है.

गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है. ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में पुस्तकालय बनवाया. पुस्तकालय! इतना तो हम (अफगानिस्तान में) पांच घंटे में खर्च कर देते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘और वह (मोदी) मुझे बताते हैं. वह बहुत समझदार हैं. हमें कहना चाहिए कि अरे! पुस्तकालय के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आता कि अफगानिस्तान में कौन इसका इस्तेमाल कर रहा है? यह ऐसी कई बातों में से एक बात है. मुझे फायदा उठाया जाना पसंद नहीं है.’ ट्रंप ने कहा, ‘(मेरे) प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे संबंध हैं. वह बहुत अच्छे इंसान है और उन्होंने शानदार काम किया है. वह देश को साथ लेकर आए हैं.’

ट्रंप ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘वहां (अफगानिस्तान में) रूस (तालिबान के साथ लड़ाई के लिए) क्यों नहीं है? वहां भारत क्यों नहीं है? पाकिस्तान वहां क्यों नहीं है? हम (अमेरिका) वहां क्यों हैं? हम 6000 मील दूर है, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता. हम हमारे लोगों की मदद करना चाहते हैं. हम अन्य देशों की मदद करना चाहते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अफगानिस्तान में सुरक्षा संबंधी भूमिका निभाने वाला है, ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत को अफगानिस्तान में शामिल होना चाहिए.’