Online Gaming Bill 2025: बुधवार को लोकसभा में 'ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025' को मंजूरी दे दी गई. यह एक बहुत बड़ा कदम है, जिसका मकसद भारत में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया को पूरी तरह से बदलना है. इस बिल का मुख्य उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स, पढ़ाई और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देना है, जबकि पैसे लगाकर खेले जाने वाले सभी ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना है.
यह बिल आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में पेश किया. अब इसे राज्यसभा में बहस के लिए भेजा जाएगा और फिर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा.
क्या हैं इस बिल की बड़ी बातें?
- एक नई सरकारी संस्था बनेगी: इस कानून के तहत एक सेंट्रल रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाई जाएगी. इसका काम यह देखना होगा कि गेमिंग कंपनियां नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं. यह संस्था गेमिंग सेक्टर में नए आइडिया और इनोवेशन को भी बढ़ावा देगी. इसे बनाने में शुरुआती खर्च करीब 50 करोड़ रुपये आएगा.
- ई-स्पोर्ट्स को मिलेगा खेल का दर्जा: बिल में ई-स्पोर्ट्स (जैसे कि वीडियो गेम टूर्नामेंट) को असली खेल का दर्जा दिया गया है. सरकार अब इसकी ट्रेनिंग, रिसर्च और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने में मदद करेगी. इसके अलावा, पढ़ाई और सोशल गेमिंग को भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि लोग कुछ नया सीख सकें.
- पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स पर पूरी तरह बैन: यह बिल का सबसे सख्त नियम है. अगर यह कानून बन गया तो पैसे लगाकर खेले जाने वाले किसी भी ऑनलाइन गेम पर पूरी तरह रोक लग जाएगी.
- विज्ञापनों पर भी लगेगी रोक: ऐसे गेम्स का विज्ञापन टीवी, अखबार या किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाया जा सकेगा. कोई भी सेलिब्रिटी या इन्फ्लुएंसर भी ऐसे गेम्स को प्रमोट नहीं कर पाएगा.
नियम तोड़ने पर होगी कड़ी सज़ा
- जो कोई भी पैसे वाले गेम का विज्ञापन करेगा, उसे 2 साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
- अगर कोई दोबारा यही गलती करता है, तो सज़ा बढ़कर 3 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकती है.
सरकार ने यह कदम क्यों उठाया?
सरकार का कहना है कि पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स की वजह से कई तरह की समस्याएं बढ़ रही थीं, जैसे:
- धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स की चोरी.
- इन गेम्स में लोगों को लत लग जाती है, जिससे उन्हें भारी पैसों का नुकसान होता है.
- खासकर युवाओं और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है.
आगे क्या होगा?
बिल को अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा. वहां से पास होने और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद यह पूरे देश में एक कानून के तौर पर लागू हो जाएगा. अगर ऐसा होता है, तो यह भारत की गेमिंग पॉलिसी में एक बहुत बड़ा बदलाव होगा, जिससे देश में अच्छे और सुरक्षित गेमिंग को बढ़ावा मिलेगा, जबकि सट्टेबाजी वाले गेम्स का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा.













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