![रूस ने भारत को UN सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की इच्छा जाहिर की, गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर कही बड़ी बात रूस ने भारत को UN सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की इच्छा जाहिर की, गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर कही बड़ी बात](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2018/10/BeFunky-Collage1-1-380x214.jpg)
मास्को: भारत और चीन (China) के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergei Lavrov) ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए भारत एक मजबूत उम्मीदवार है. साथ ही रूसी विदेश मंत्री ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन भी किया है. भारत को बीते हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आठवीं बार अस्थायी सदस्य चुना गया था.
रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय डिजिटल सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि आज हमने संयुक्त राष्ट्र के संभावित सुधारों की बात की और भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने के लिए एक मजबूत उम्मीदवार है. हम भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करते हैं. हमारा मानना है कि भारत यूएन सुरक्षा परिषद का पूर्ण सदस्य बनने योग्य है. UN Security Council: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने दी जानकारी, भारत अगस्त 2021 में बनेगा सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष
Today we talked of probable reforms of the United Nations & India is a strong nominee to become a permanent member of UN Security Council & we support India's candidacy. We believe it can become a full-fledged member of the Security Council: Russian Foreign Minister Sergei Lavrov pic.twitter.com/crXZEx1s6V
— ANI (@ANI) June 23, 2020
भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के संबंध में उन्होंने कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को बाहर से कोई मदद चाहिए. मुझे नहीं लगता कि उन्हें मदद करने की आवश्यकता है, खासकर जब यह देश का मुद्दा हो. वे इसका समाधान अपने दम पर निकाल सकते है. इसका मतलब है हाल की घटनाओं को वह खुद हल कर सकते हैं.''
सर्गेई लावरोव ने आगे दोनों देशों के बीच स्थिति शांतिपूर्ण बनी रहने की उम्मीद जताई. रूस दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर भारत और चीन के संपर्क में है. उधर, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने मंगलवार को अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय डिजिटल सम्मेलन में शामिल हुए. जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकाचार का पालन करने की जरूरत पर जोर दिया
I don't think that India & China need any help from the outside. I don't think they need to be helped,especially when it comes to country issues. They can solve them on their own, it means the recent events: Russian Foreign Minister Sergei Lavrov at RIC foreign ministers' meeting pic.twitter.com/gwsr5GEwd0
— ANI (@ANI) June 23, 2020
रूस के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद बरकरार है, खासकर तब जब पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.