नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर प्रतिबंध लगाने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को चीनी सोशल मीडिया ऐप वीबो (Weibo ) पर अपना अकाउंट डिलीट (बंद) कर दिया है. मोदी के इस अकाउंट पर करीब 2.44 लाख फॉलोअर्स थे. विश्वसनीय सरकारी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जब देश ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की तो मोदी ने भी वीबो को छोड़ने का फैसला किया है. सूत्रों ने बताया कि वीआईपी अकांउट्स के लिए वीबो को छोड़ने की एक अधिक जटिल प्रक्रिया है.यही वजह है कि आधिकारिक प्रक्रिया के साथ इसकी बुनियादी अनुमति देने में देरी हुई.
भाजपा महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने ट्वीट किया, "सरकार के 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के कदम के बाद, प्रधानमंत्री मोदी भी चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो से भी बाहर निकल गए हैं.. सीमा पर मजबूत संदेश, आर्थिक मोर्चे और व्यक्तिगत स्तर पर भी."प्रधानमंत्री मोदी के वीबो अकाउंट पर सभी पोस्ट, चित्र और टिप्पणियां हटा दी गई हैं, जिसमें दो वह पोस्ट भी शामिल हैं, जिसमें वह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दिखाई दे रहे हैं. सरकारी नियंत्रण और सेंसरशिप के लिए पहचाने जाने वाले चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ने पिछले महीने नरेंद्र मोदी के भाषण और सीमा रेखा पर भारत के आधिकारिक बयानों को हटा दिया था. यह भी पढ़े: TikTok समेत चीनी एप्स को बैन करने के सरकार के फैसले का बॉलीवुड के सितारों ने किया स्वागत
देश की सीमा स्थिति के बारे में मोदी की 18 जून की टिप्पणी सोशल मीडिया ऐप वीचैट पर उपयोगकर्ता नहीं देख पा रहे थे. प्रधानमंत्री की टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में 15 जून की रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी पक्ष ने अभी तक अपनी तरफ से हताहतों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के सीमा गतिरोध पर दिए बयान को भी आधिकारिक वीचैट अकाउंट से हटा दिया गया था.
वीचैट पर एक संदेश में कहा गया है, "इस सामग्री को देखने में असमर्थ हैं, क्योंकि यह नियमों का उल्लंघन करता है।"मोदी ने 2015 में अपनी चीन यात्रा के बाद वीबो पर एक अकाउंट खोला था, जिसे माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के चीनी समकक्ष के रूप में माना जाता है।भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी गतिरोध के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को छोड़ना एक सख्त संदेश भी है.