इस बार स्वतंत्रता दिवस पर काफी बदलाव देखने को मिलेंगे, तो वहीं कई नई रिवायतों की शुरूआत होगी. दरअसल पहली बार प्रधानमंत्री को रक्षा सचिव के बजाय लाल किले में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत रिसीव करेंगे. तीनों सेनाओं के गार्ड ऑफ ऑनर में सिर्फ 22 जवान और अफसर ही शामिल होंगे.
सेना का बैंड लाल किले पर नहीं बजेगा लाइव:
इस बार यह भी पहला मौका होगा जब सेना का बैंड लाल किले पर लाइव प्रस्तुति नहीं देगा. उनके बैंड का रिकॉर्डेड वीडियो एलईडी स्क्रीन पर चलाया जाएगा. थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों ने लाल किले में अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवानों ने लाल किले में अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. 13 अगस्त को 'फुल ड्रेस रिहर्सल' करके सारी तैयारियों को परख लिया गया है. इस बार सेना का बैंड लाल किले पर लाइव प्रस्तुति नहीं देगा. उनके बैंड का रिकॉर्डेड वीडियो लाल किले पर बड़े एलईडी स्क्रीन पर चलाया जाएगा.
सिर्फ 22 जवान देंगे गार्ड ऑफ ऑनर:
इस साल भी थल सेना, वायुसेना और नौसेना के जवान प्रधान मंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे, जिसमें सिर्फ 22 जवान और अफसर ही शामिल होंगे. सभी जवान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करेंगे. लाल किले पर गार्ड ऑफ ऑनर का हिस्सा बनने वाले 350 से अधिक दिल्ली पुलिसकर्मियों को एहतियात के तौर पर पहले से ही एकांतवास में भेजा गया है. इन सभी जवानों का कोविड टेस्ट भी होगा और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलेगा.
आम लोगों की जगह होंगे 1500 कोरोना वॉरियर:
इस बार लाल किले का स्वतंत्रता दिवस समारोह अलग अंदाज में होगा, क्योंकि इसमें आम लोगों की मौजूदगी नहीं होगी लेकिन ध्वजारोहण, परेड और पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन पहले की तरह होगा. इस बार आम लोगों के बजाय करीब उन 1500 कोरोना वॉरियरों को आमंत्रित किया गया है जो इस बीमारी से जंग जीतकर ठीक हुए हैं. इन कोरोना योद्धाओं को ऐसी जगह बिठाने की व्यवस्था की जाएगी जो एकदम खास दिखाई देगी.
नीचे ग्राउंड में बैठेंगे वीवीआईपी:
लाल किले की प्राचीर पर प्रधानमंत्री के मंच पर दोनों ओर हर बार 800 कुर्सियां लगाई जाती थीं. इनमें एक ओर 375 और दूसरी ओर 425 चेयर लगती थीं. इन्हें घटाकर इस बार करीब 150 किया जा रहा है. इसलिए ऊपर बैठने वाले वीवीआईपी इस बार नीचे ग्राउंड में बैठेंगे. अतिथियों के बीच में दो कुर्सियों जितना फासला होगा यानि करीब छह फीट की दूरी एक से दूसरे व्यक्ति के बीच रहेगी. इस बार कोरोना के चलते लाल किला के समारोह का हिस्सा बच्चे नहीं बनेंगे. इनकी जगह करीब 400 एनसीसी कैडेट को बुलाया गया है जो दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के होंगे.