भोपाल, 26 सितंबर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में कोरोना का संक्रमण न फैले और तीसरी लहर अपना असर न दिखा पाए, इसके लिए सरकार, समाज और राजनीति दल कमर कसे हुए है. सरकार कोरोना की लड़ाई के सबसे प्रभावकारी अस्त्र वैक्सीन का पहला डोज पात्र शत-प्रतिशत आबादी को लगाने की केाशिश में लगी है. इसी के तहत 27 सितंबर को टीकाकरण महाअभियान-4 आयोजित किया जा रहा है. राज्य में टीकाकरण का अभियान जोरों पर है. अब तक छह करोड़ दो लाख 39 हजार 387 नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. जिसमें से चार करोड़ 65 लाख 75 हजार 590 नगरिकों को वैक्सीन की प्रथम डोज और एक करोड़ 36 लाख 63 हजार 797 नागरिकों को कोरोना वैक्सीन की द्वितीय डोज लगाई गई है. शत-प्रतिशत नागरिकों को वैक्सीन का प्रथम डोज लगाने के लिए 27 सितम्बर को टीकाकरण महाअभियान-4 आयोजित किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने टीकाकरण अभियान केा सफल बनाने और 27 सितंबर को पहला डोज शत-प्रतिशत आबादी को लगाए जाने के लिए आवश्यक सभी तैयारियां पूरी कर ली है. मंत्रियों केा भी इस आयोजन केा सफल बनाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही जनजागृति अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि जो लेाग वैक्सीन लगवाने से बचे है, उनका भी टीकाकरण किया जाए. जनसंख्या के आधार पर टीकाकरण अभियान में प्रथम डोज में शीर्ष 10 राज्यों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है. प्रदेश में 21 जून महाअभियान में 17 लाख 62 हजार 838, 25 अगस्त महाअभियान में 24 लाख 94 हजार 563 और 17 सितम्बर महाअभियान में 29 लाख 22 हजार 537 डोज लगाये गये हैं. प्रदेश ने हर महाअभियान में एक दिन में सबसे ज्यादा डोज लगाने का रिकार्ड कायम किया है. यह भी पढ़े: Mann ki Baat: कोविड-19 रोधी टीकाकरण के सुरक्षा चक्र से कोई छूटे नहीं- प्रधानमंत्री मोदी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण बनाये रखने और महामारी को पूरी तरह से समाप्त करने में सभी लोगों का टीकाकरण बहुत जरूरी है. इसके मददेनजर प्रदेश में टीकाकरण अभियान को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ संचालित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 18 वर्ष से अधिक आयु के शत-प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज सितम्बर अंत तक लगाने के लक्ष्य को पाने के बाद दूसरी डोज कम से कम समय में लगाने का हमारा प्रयास जारी रहेगा. टीकाकरण महाअभियान में सभी वर्गों के समन्वित प्रयासों से आई जन-जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग के राज्य-स्तर से लेकर टीकाकरण केन्द्र तक कार्य करने वाले चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ के अथक प्रयासों से छह करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना टीके लगाने का रिकार्ड बना है.