Tesla की कार चीन में बनेगी तो भारत में नहीं मिलेगी कोई छूट... नितिन गडकरी का एलन मस्क को सीधा जवाब
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एलन मस्क को स्पष्ट शब्दों में कहा दिया है कि टेस्ला अगर कारें चीन में बनाकर उनकी बिक्री भारत में करना चाहती है...तो किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी.
नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने एलन मस्क को स्पष्ट शब्दों में कहा दिया है कि टेस्ला अगर कारें चीन में बनाकर उनकी बिक्री भारत में करना चाहती है...तो किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि अगर कार चीन में तैयार करने पर किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गडकरी ने टेस्ला के लिए एलन मस्क को साफ संदेश दिया. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि टेस्ला का भारत में तभी स्वागत है, जब वह स्थानीय स्तर पर कारों को तैयार करने का काम करते हैं. Indian Economy: जापान, जर्मनी सब होंगे पीछे, 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत.
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि भारत में कब से कारों को बनाने का काम शुरू हो सकता है तो उन्होंने कहा, 'हम भारत में टेस्ला का स्वागत करते हैं. भारत एक बड़ा बाजार है. यहां पर हर तरह की कारों की बिक्री करने वाले मौजूद हैं. अगर टेस्ला देश में ही कारों को तैयार करती है तो इसे रियायतें मिलेंगी.'
भारत में निर्माण पर ही मिलेगी रियायत
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अगर टेस्ला देश में ही कारों को तैयार करती है तो इसे रियायतें मिलेंगी. लेकिन, चीन में तैयार करने पर किसी तरह की छूट नहीं दी जाएगी. बता दें पिछले दिनों एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सरकार अमेरिकी कार कंपनी टेस्ला को छूट देने पर विचार कर रही है. इसमें दावा किया गया था कि ग्रीन कारों के इम्पोर्ट पर लगने वाले शुल्क को 100 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की प्लानिंग पर काम चल रहा है. एलन मस्क की टेस्ला ने 2021 में पहली बार इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के लिए आयात शुल्क खत्म करने की बात कहकर भारत में एंट्री की कोशिश की थी. लेकिन अब सरकार 15 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का प्लान कर रही है.
इस रिपोर्ट में कहा गया कि इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट देने के साथ ही सरकार की शर्त होगी कि कार बनाने वाली कंपनियों को लोकल मार्केट से भी पार्ट लेने के लिए करार करना होगा. शुरुआती दो साल में करीब 20 प्रतिशत पार्ट देश के अंदर से ही लिए जाएंगे. चौथे साल तक इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा.