IED Blast in Jharkhand: कोल्हान में नक्सलियों ने किया आईईडी विस्फोट, सीआरपीएफ जवान जख्मी

नक्सलियों ने झारखंड के कोल्हान प्रमंडल के जंगलवर्ती इलाकों में जमीन के नीचे चप्पे-चप्पे पर बारूदी सुरंगें बिछा दी हैं. बुधवार को पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिले के अंजनबेड़ा गांव में आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बल के एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल हो गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits PixabayI)

नक्सलियों ने झारखंड के कोल्हान प्रमंडल के जंगलवर्ती इलाकों में जमीन के नीचे चप्पे-चप्पे पर बारूदी सुरंगें बिछा दी हैं. बुधवार को पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) जिले के अंजनबेड़ा गांव में आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बल के एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल हो गए. पिछले पंद्रह दिनों में इस जिले में बारूदी सुरंग विस्फोट की छह घटनाएं हुई हैं, जिसमें 12 जवान और ग्रामीण घायल हुए हैं.

बुधवार को हुई घटना के बारे में बताया गया कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंजनबेड़ा गांव और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बलों और पुलिस के जवान सर्च ऑपरेशन में निकले थे, तभी एक आईईडी का जोरदार विस्फोट हुआ. इसकी चपेट में आकर सीआरपीएफ की 197 बटालियन के सबइंस्पेक्टर अंसार अली घायल हो गए. उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट करके रांची लाया गया है. चाईबासा के एसपी आशुतोष शेखर ने घटना की पुष्टि की है. फिलहाल इलाके में ऑपरेशन जारी है.

इसके एक दिन पहले मंगलवार को चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कटंबा-करुकुटिया गांव के रास्ते में पैदल बाजार जा रहा एक 18 वर्षीय ग्रामीण माटा अंगारिया लैंड माइन्स विस्फोट की चपेट में आकर जख्मी हो गया था. उसका इलाज चाईबासा के सदर हॉस्पिटल में चल रहा था. 11 जनवरी को टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए लैंडमाइन विस्फोट में छह जवान घायल हुए थे. 12 जनवरी को भी इसी इलाके में एक और विस्फोट हुआ, जिसमें तीन जवान जख्मी हुए थे. इसके बाद 13 जनवरी और 20 जनवरी को भी बारूदी सुरंग विस्फोट की घटनाएं हुईं.

बता दें कि पूरे कोल्हान प्रमंडल में पिछले कुछ महीनों से झारखंड पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ऑपरेशन चला रही है. पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों ने टोंटो, मुफस्सिल और गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगलों में प्राय: सभी रास्तों में जमीन के नीचे बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं.

पुलिस का दावा है कि नक्सलियों की संख्या अब बेहद कम रह गई है. सुरक्षा बलों की चौतरफा घेरेबंदी में कुछ बड़े नक्सली घिर चुके हैं. रास्तों में पहले से बिछाई गई बारूदी सुरंगों के कारण थोड़ी परेशानी जरूर आ रही है, लेकिन नक्सलियों के खात्मे तक अभियान नहीं रोका जाएगा.

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