How Deadly Is H3N2: क्या कोरोना की तरह ही जानलेवा है एच3एन2 इन्फ्लूएंजा? जानें क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
H3N2 Influenza (Photo Credit : Twitter)

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के बाद H3N2 इन्फ्लूएंजा (H3N2 Influenza) का खतरा बढ़ता जा रहा है. अब यह फ्लू जानलेवा हो चुका है. इस इन्फ्लूएंजा के कारण हरियाणा और कर्नाटक में एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है. इसके बाद केंद्र सरकार सतर्क हो चुकी है. इन्फ्लूएंजा वायरस H3N2 से हुई मौत के बाद चिंता और बढ़ गई है. कुछ महीनों से सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और अब ये जानलेवा भी बनता जा रहा है. इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या H3N2 कोरोना वायरस की तरह ही खतरनाक है और बड़ी संख्या में मौत का कारण बन सकता है?Influenza H3N2 Symptoms: तेजी से बढ़ रहा है इन्फ्लूएंजा एच3एन2 संक्रमण, NCR में 40 प्रतिशत बढ़े खांसी और जुखाम के मरीज. 

टाइम्स ऑफ इंडिया ने माहिम-ए फोर्टिस एसोसिएट के एसएल रहेजा अस्पताल के सलाहकार और प्रमुख क्रिटिकल केयर डॉ. संजीत ससीधरन के हवाले से बताया कि कोविड-19 के विपरीत इस तरह का वायरस निश्चित रूप से जीवन के लिए खतरा नहीं है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कोई भी वायरस जानलेवा हो सकता है यदि संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा पर्याप्त नहीं है.

सावधानी से होगी सुरक्षा 

देशभर में एच3एन2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लुएंजा के मामलों में तेजी देखी जा रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को एहतियाती उपाय करने का सुझाव दिया है, जैसे कि मास्क का उपयोग, हाथ की स्वच्छता, साथ ही साल में एक बार फ्लू का टीका लगवाएं.

मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम में एसोसिएट कंसल्टेंट - इंटरनल मेडिसिन, डॉ. सुनील सेकरी ने कहा, "मेरी राय में सरकार कम से कम अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों जैसे सार्वजनिक परिवहन, अस्पतालों, हवाईअड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक वाहनों में फिर से मास्क अनिवार्य कर सकती है. लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए, घर में हों या बाहर, मास्क पहनना चाहिए.

ये हैं लक्षण

एच3एन2 और एच1एन1 दोनों प्रकार के इन्फ्लुएंजा ई वायरस हैं, जिन्हें आमतौर पर फ्लू के रूप में जाना जाता है. कुछ सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक बुखार, खांसी, नाक बहना और शरीर में दर्द शामिल हैं. लेकिन गंभीर मामलों में लोगों को सांस फूलने और/या घरघराहट का भी अनुभव हो सकता है.

कोरोना के मामलों में भी उछाल

इस बीच, चार महीने के बाद कोविड संक्रमण में भी उछाल दर्ज किया गया है, क्योंकि रविवार को कोविड के 524 मामले सामने आए थे. संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. ईश्वर गिलादा ने कहा, "पिछले तीन वर्षो से हमने सीखा है कि श्वसन संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है, क्योंकि संक्रमण बाहर जाते हैं और नाक व मुंह से अंदर आते हैं, आपको इस क्षेत्र को कवर करने की जरूरत होती है और वह है मास्किंग. खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर उचित मास्क की जरूरत होती है."