Gautam Adani Group Swiss bank Accounts Frozen: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने एक बार फिर से अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बार स्विस मीडिया आउटलेट गॉथम सिटी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप की जांच के तहत स्विस बैंकों में रखी 310 मिलियन डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) की धनराशि फ्रीज कर दी है. 12 सितंबर 2024 को X (पूर्व में ट्विटर) पर हिंडनबर्ग ने यह आरोप पोस्ट किया.
रिपोर्ट के अनुसार, स्विस अधिकारी 2021 से अडानी ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और सिक्योरिटी फ्रॉड की जांच कर रहे हैं. इस आरोप के बाद अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने इन दावों को "आधारहीन, अव्यवहारिक और हास्यास्पद" बताया. प्रवक्ता ने स्पष्ट किया, "अडानी ग्रुप का स्विस कोर्ट की किसी भी कार्यवाही में कोई संबंध नहीं है, और हमारी किसी कंपनी का खाता किसी भी प्राधिकरण द्वारा फ्रीज नहीं किया गया है."
अडानी ग्रुप ने अपने बयान में कहा, "हम बिना किसी संकोच के यह कह सकते हैं कि यह हमारे ग्रुप की प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित और गंभीर प्रयास है."
Swiss authorities have frozen more than $310 million in funds across multiple Swiss bank accounts as part of a money laundering and securities forgery investigation into Adani, dating back as early as 2021.
Prosecutors detailed how an Adani frontman invested in opaque…
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) September 12, 2024
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि न तो स्विस कोर्ट ने कथित आदेश में हमारी कंपनियों का उल्लेख किया है और न ही हमें किसी ऐसी प्राधिकरण या नियामक संस्था से कोई स्पष्टीकरण या जानकारी मांगी गई है. अडानी ग्रुप ने दोहराया कि उनका विदेशी होल्डिंग ढांचा पारदर्शी, पूर्ण रूप से खुलासा किया हुआ है और सभी प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप है.
हिंडनबर्ग ने अपने दावे को और मजबूत करते हुए बताया कि अडानी के प्रतिनिधि ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, मॉरीशस और बरमूडा में स्थित कुछ अपारदर्शी फंड्स में निवेश किया था, जिनमें अधिकतर अडानी के ही स्टॉक्स थे. रिपोर्ट के अनुसार, अडानी के इस प्रतिनिधि ने लगभग 310 मिलियन डॉलर स्विस बैंकों में रखे थे, जिन्हें अब फ्रीज कर दिया गया है.
इस पूरे मामले को लेकर बाजार में चर्चाएं तेज हो गई हैं. हालांकि, अडानी ग्रुप के स्पष्ट बयान के बाद इस मामले पर उनकी ओर से किसी भी प्रकार की अनियमितता के आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है. अब देखना होगा कि इस आरोप और अडानी ग्रुप के बीच की यह खींचतान आगे क्या मोड़ लेती है.