Hindenburg Effect: सच हो रही हिंडनबर्ग की भविष्वाणी! एक महीने में 85 फीसदी तक टूटे अडानी ग्रुप के शेयर- इन स्टॉक्स की हालत खराब
Gautam Adani (Photo: PTI)

अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अडानी ग्रुप के शेयरों में जारी गिरावट जल्द खत्म होती नहीं दिखाई दे रही है. एक समय पर विश्व के सबसे अमीर शख्स की लिस्ट में नंबर 2 पर रहने वाले गौतम अडानी अब इस लिस्ट से हट गए है. हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट ने ऐसा तूफान मचाया कि अडानी अब दुनिया के 25 सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में भी नहीं रह गए हैं. Adani vs Hindenburg: अडानी की कहानी और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट.

अडानी ग्रुप अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और यह सिलसिला हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट के बाद से अभी तक जारी है. एक महीने में Adani Stocks में जो गिरावट आई है, उससे शेयरों की कीमत अब उतनी ही रह गई है, जितना हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इसे ओवरवैल्यूड बताया गया था. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि शेयर बाजार में लिस्टेड Adani Group की सात कंपनियों के शेयर 85 फीसदी तक ओवरवैल्यूड हैं.

यानी जिस शेयर की कीमत 100 रुपये है, दरअसल उसका असली भाव महज 15 रुपये है. अब इस रिपोर्ट के पब्लिश हुए एक महीना हो गया है और अडानी के शेयर भी गिरते-गिरते इसी लेवल पर आ गए है, जैसा कि रिपोर्ट में दावा किया गया था. अडानी ग्रुप के शेयर 85 फीसदी तक लुढ़के हैं.

एक महीने के भीतर, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन सहित अडानी समूह के कई शेयर अपने अभी तक के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे. अडानी ग्रुप को 145 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ. इस एक महीने के बुरे दौर में अडानी ग्रुप के इन तीन शेयरों ने सबसे ज्यादा गिरने का रिकॉर्ड बना दिया.

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे बुरी हालात अडानी ग्रीन के शेयर की है. ये स्टॉक अपने 52 हफ्ते के हाई 3048 रुपये के स्तर से अब करीब 85 फीसदी नीचे आ चुका है. इसमें लगातार लोअर सर्किट लग रहा है.