हाल ही में नीट परीक्षा में हुए विवादों के बाद केंद्र सरकार ने NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के कामकाज की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. इस समिति का मकसद परीक्षाओं का निष्पक्ष और पारदर्शी आयोजन सुनिश्चित करना है. इस समिति का अध्यक्ष पूर्व ISRO चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन को बनाया गया है. डॉ. राधाकृष्णन ने ISRO में अपनी सेवा के दौरान अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया है. इस उच्च स्तरीय समिति के मेंबर्स की लिस्ट में AIIMS के जाने माने पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया भी शामिल हैं.
इस समिति में हैदराबादसेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली में छात्र मामलों के डीन प्रोफेसर आदित्य मित्तल, शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जयसवाल शामिल हैं.
Following #NEET controversy, Centre constitutes a high-level committee to review NTA functioning and to ensure fair conduct of exams.
Committee headed by Ex ISRO chairman Dr. K Radhakrishnan
Ex AIIMS Director Randeep Guleria and others members pic.twitter.com/vqG2jVbhrK
— Live Law (@LiveLawIndia) June 22, 2024
नीट पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी पूरी रिपोर्ट
NEET पेपर लीक मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है. बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट (EOU) ने नीट पेपर लीक मामले की जांच की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में 21 जून तक की जांच की प्रगति, सबूत और तथ्य के साथ ही आरोपियों के कबूलनामे भी शामिल हैं.
रिपोर्ट में क्या है?
EOU की रिपोर्ट में जले हुए NEET UG के प्रश्न पत्र की पुस्तिका को उसके नंबर के साथ रखा गया है. रिपोर्ट में उम्मीदवारों द्वारा दिए गए पोस्ट-डेटेड चेक, पेपर लीक माफिया द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल (जिसे बाद में फॉर्मेट किया गया था), पैसे के लेन-देन से संबंधित सबूत और उन सभी स्थानों की जानकारी दी गई है जहां उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र और उत्तर दिए गए थे.
रिपोर्ट में क्या दावा किया गया है?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मूल NEET प्रश्न पत्र और उत्तर दस्तावेज़ मिलान करने पर सही पाए गए हैं. EOU की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय अब आगे का फैसला लेगा.