HC On Marriage Promise: विवाहित महिला यह दावा नहीं कर सकती कि शादी का वादा तोड़कर उसे धोखा दिया गया, हाईकोर्ट ने की ये टिप्पणी

हाईकोर्ट ने एक विवाहित महिला द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया. महिला ने आरोप लगाया था कि उस व्यक्ति ने उसे धोखा दिया. शादी का वादे को उसने पूरा नहीं किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Flickr)

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने एक विवाहित महिला द्वारा एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर दिया. एफआईआर में महिला ने आरोप लगाया था कि उस व्यक्ति ने उसे धोखा दिया. शादी का वादे को उसने पूरा नहीं किया.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा "धोखाधड़ी का आरोप इस आधार पर लगाया जाता है कि याचिकाकर्ता ने शादी का वादा तोड़ा है. शिकायतकर्ता ने स्वीकार किया कि वह पहले से ही शादीशुदा है और इस शादी से उसका एक बच्चा भी है. अगर वह पहले से शादीशुदा है तो शादी का वादा तोड़ने पर धोखा देने का सवाल ही नहीं उठता. इसलिए, उक्त अपराध भी याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं लगाया जा सकता है. ये  भी पढ़ें- पत्नी को भरण-पोषण की राशि देने के लिए पति 55 हजार रुपये के सिक्के लेकर अदालत पहुंचा

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि वह शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है लेकिन उसके पति ने उन्हें छोड़ दिया. शिकायतकर्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उसे शादी का आश्वासन देकर संबंध बनाने का लालच दिया और चूंकि उसने अपना वादा नहीं निभाया, इसलिए उसने शिकायत दर्ज कराई.

कोर्ट ने कहा कि यह साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया कि याचिकाकर्ता कभी भी शिकायतकर्ता का पति था. कोर्ट ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता पहले से ही शादीशुदा है तो यह समझ में नहीं आता कि वह यह दावा कैसे कर सकती है कि याचिकाकर्ता उसका पति है.

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