
मुंबई, महाराष्ट्र: मुंबई में मार्च महीने से ही भीषण गर्मी पड़नी शुरू हो गई. अप्रैल महीने में महाराष्ट्र के कई शहरों में तापमान 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया. जिसके कारण हीटस्ट्रोक के मामलों में पिछले साल की तुलना में ज्यादा मरीज बढ़े है.महाराष्ट्र में भीषण गर्मी के कारण स्वास्थ्य अलर्ट जारी किए गए हैं, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
बुलढाणा में सबसे ज्यादा छह मामले सामने आए हैं, और राज्य में अप्रैल की शुरुआत में ही हीटस्ट्रोक की 34 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले साल के आंकड़ों से ज्यादा है.कई क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण राज्य ने स्वास्थ्य अलर्ट जारी कर दिया है, जिससे मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की पर्याप्तता को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.बुलढाणा में छह मामले सामने आए हैं, जबकि गढ़चिरौली, नागपुर और परभणी में चार-चार मामले सामने आए हैं.अप्रैल के शुरुआती दस दिनों में महाराष्ट्र में हीटस्ट्रोक की 34 घटनाएं सामने आई हैं, जो पिछले साल इसी अवधि में दर्ज किए गए 24 मामलों से ज़्यादा है.ये भी पढ़े:Weather Forecast: इस साल महाराष्ट्र में अधिक गर्मी से चलेगी लू, जानें अप्रैल से जून तक मौसम कैसा रहेगा?
महाराष्ट्र के विदर्भ में गर्मी में बढ़ोत्तरी
प्रातः कालीन मौसम परिचर्चा (14.04.2025)
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— India Meteorological Department (@Indiametdept) April 14, 2025
बुलढाना में बच्चे की हुई मौत
हालांकि गर्मी से संबंधित किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बुलढाणा में एक घटना में एक 11 वर्षीय लड़का बेहोश हो गया और हॉस्पिटल ले जाते समय उसकी मृत्यु हो गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि ये मौत गर्मी से हुई है.
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कई क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के साथ-साथ आर्द्रता के स्तर में वृद्धि का अनुमान है. डॉक्टर्स ने भी हीटस्ट्रोक के जोखिम को लेकर सावधानी बरतने को कहा है.चिकित्सकों ने हीटस्ट्रोक के जोखिमों पर जोर दिया है, हीटस्ट्रोक का इलाज तुरंत न करना जानलेवा हो सकता है, साथ ही इसके मरीज को ठंडी जगहों पर रखना और उसे भरपूर पानी पिलाने के लिए भी कहा गया है.
बीएमसी के गार्डन दोपहर में रहते है बंद
गर्मी से राहत के लिए बनाई गई सार्वजनिक जगह, जैसे कि मुंबई में बीएमसी का उद्यान, लेकिन सबसे गर्म घंटों के दौरान ये गार्डन बंद रहते हैं. काम को लेकर समय में बदलाव नहीं करने के कारण भी प्रशासन की आलोचना हो रही है. अमरावती शहर में मजदुर धुप में बिना छाव के काम कर रहे है.इन चुनौतियों के बावजूद, महाराष्ट्र ने जलवायु लचीलापन बढ़ाने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. राज्य ने स्थायी शीतलन से संबंधित प्रशासन में सुधार के लिए नेचरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल (एनआरडीसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.
हॉस्पिटल कर रहे है हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए व्यवस्था
राज्य के हॉस्पिटल गर्मी की इमरजेंसी स्थितियों के लिए स्पेशल बेड की व्यवस्था कर रहे हैं, और जलवायु के प्रति जागरूक बजट के लिए अब सभी विभागों को अपनी योजना में जलवायु के खतरों को शामिल करना आवश्यक हो गया है. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में योग्य चिकित्सा कर्मचारियों की कमी का संघर्ष जारी है, जिससे गर्मी से संबंधित घटनाओं के सटीक दस्तावेजीकरण में बाधा आ रही है, जिससे हीटस्ट्रोक के प्रबंधन के लिए जागरूकता और संसाधनों को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल मिलता है.