दिन में 10 घंटे खेलता था PUBG, माता-पिता ने डांटा तो कर ली आत्महत्या; Telangana के निर्मल जिले की घटना
तेलंगाना के निर्मल जिले से एक दुखद खबर आई है, जहां 13 वर्षीय कक्षा 9 के एक छात्र ने अपने माता-पिता द्वारा PUBG खेलने पर डांटने और उसका फोन जब्त करने के बाद आत्महत्या कर ली.
PUBG Claims Another Life in Telangana: तेलंगाना के निर्मल जिले (Nirmal District) से एक दुखद खबर आई है, जहां 13 वर्षीय कक्षा 9 के एक छात्र ने अपने माता-पिता द्वारा PUBG खेलने पर डांटने और उसका फोन जब्त करने के बाद आत्महत्या (Sucide) कर ली. पुलिस (Telangana Police) के अनुसार, यह घटना बुधवार, 20 अगस्त की है. बच्चे का नाम बेटी ऋषेंद्र बताया जा रहा है. बच्चा गेम में इतना डूबा हुआ था कि वह रोजाना लगभग 10 घंटे PUBG खेलता था. वह कई बार स्कूल जाने से मना कर देता था, क्योंकि उसे लगता था कि पढ़ाई में व्यस्त होने के कारण उसे गेम खेलने का समय नहीं मिलता.
माता-पिता ने उसकी लत (Gaming Addiction) छुड़ाने के लिए बहुत प्रयास किए. उन्हें चिंता थी कि उनका बेटा मानसिक और सामाजिक रूप से प्रभावित हो रहा है.
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डॉक्टर ने भी दी थी सलाह
ऋषेंद्र को गेम (Online Game) की लत छुड़ाने के लिए मनोचिकित्सक और न्यूरोसर्जन के पास भी ले जाया गया. बच्चे के पिता ने मीडिया को बताया कि उसे एमआरआई के लिए हैदराबाद (Hyderabad) ले जाया गया और डॉ. बंगारू सुधीर से परामर्श किया गया. डॉक्टर ने ऋषेंद्र को दिन में केवल 2 घंटे गेम खेलने की सलाह दी, जबकि वह 10 घंटे गेम खेल रहा था.
पुलिस ने FIR दर्ज कर शुरू की जांच
तीन दिन पहले, माता-पिता ने हताश होकर उसका फोन जब्त कर लिया. इसके बाद, बच्चा अपने कमरे में अकेला था और उसने यह दुखद कदम उठा लिया. उस समय पिता घर पर नहीं थे और मां घर के निचले हिस्से में थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सरकार ने ऑनलाइन गेम्स पर लगाया बैन
यह दुखद घटना ऐसे समय में हुई है जब भारतीय संसद ने ऑनलाइन गेमिंग विधेयक 2025 पारित किया है. इस विधेयक के तहत, बच्चों और युवाओं में लत और वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ी समस्याओं को रोकने के लिए पैसे से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता को बच्चों की गेमिंग की आदत पर ध्यान देना चाहिए और लत लगने पर पेशेवर मदद लेनी चाहिए.
आत्महत्या रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर:
टेली मानस (स्वास्थ्य मंत्रालय) – 14416 या 1800 891 4416; निमहंस – + 91 80 26995000 /5100 /5200 /5300 /5400; पीक माइंड – 080-456 87786; वंद्रेवाला फाउंडेशन – 9999 666 555; अर्पिता आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन – 080-23655557; आईकॉल – 022-25521111 और 9152987821; सीओओजे मेंटल हेल्थ फाउंडेशन (सीओओजे) – 0832-2252525।
आसरा (मुंबई) 022-27546669, स्नेहा (चेन्नई) 044-24640050, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, कूज (गोवा) 0832- 2252525, जीवन (जमशेदपुर) 065-76453841, प्रतीक्षा (कोच्चि) 048-42448830, मैत्री (कोच्चि) 0484-2540530, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)