प्रत्येक कर्मचारी को अपनी कंपनी और मैनेजमेंट से कुछ शिकायतें जरूर होती हैं और हम इसे अन्य लोगों के साथ भी साझा करते हैं. अक्सर Whatsapp पर हम कंपनी या मैनेजमेंट के खिलाफ कुछ मैसेज भी करते हैं. लेकिन क्या होगा अगर आपकी कंपनी इस मैसेज को देखे? ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु से सामने आया है. तमिलनाडु ग्राम बैंक के एक कर्मचारी के खिलाफ जारी चार्ज मेमो को रद्द करते हुए, मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी को "अपनी बात कहने का अधिकार" है और मैनेजमेंट WhatsApp पर पोस्ट किए गए संदेशों के लिए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता है. HC on Pothole Accidents: खुले मैनहोल में गिरना कोई दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह एक मानव निर्मित आपदा.
कोर्ट ने कहा, "Right to Vent" नाम की कोई चीज होती है. किसी ऑर्गेनाइजेशन के प्रत्येक कर्मचारी या सदस्य को मैनेजमेंट के साथ कोई न कोई समस्या होगी. शिकायत की भावना का पनपना बिल्कुल स्वाभाविक है. यह संगठन के हित में है कि शिकायतों को अभिव्यक्ति और प्रसारण मिले. इसका रेचक प्रभाव होगा. यदि इस प्रक्रिया में, संगठन की छवि प्रभावित होती है, तो मैनेजमेंट हस्तक्षेप कर सकता है, लेकिन उससे पहले नहीं.''
मद्रास हाई कोर्ट का फैसला:
Employee Has "Right To Vent", Management Cannot Take Action For Messages Sent In Private WhatsApp Group: Madras High Court #MadrasHighCourthttps://t.co/4iLTsUt0Qc
— Live Law (@LiveLawIndia) August 14, 2023
अदालत ने कहा; उपरोक्त मानक के आधार पर, याचिकाकर्ता द्वारा पोस्ट किया गया मैसेज मैनेजमेंट द्वारा निर्धारित नियमों के खिलाफ नहीं है. कोई भी कर्मचारी अपने वरिष्ठ अधिकारी के प्रति शिष्टाचार दिखाने के लिए बाध्य है, लेकिन किसी साथी कर्मचारी के साथ निजी तौर पर गपशप करते समय अधिकारी को हर तरह की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है. अदालत ने कहा वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर होने वाली बातचीत पर भी मैनेजमेंट एक्शन नहीं ले सकता है.