लखनऊ: हाथरस में 19 साल की दलित लड़की से गैंगरेप और मौत (Hathras Case) के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य भर में 19 एफआईआर दर्ज की हैं. कुछ मामले हाथरस की घटना के संबंध में और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट या टेलीविजन चैनलों पर टिप्पणी से संबंधित हैं. एफआईआर में जो आरोप दर्ज किए गए हैं उनमें देशद्रोह, षडयंत्र, जातिगत अलगाव, धार्मिक भेदभाव, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य दर्ज करना, राज्य के खिलाफ साजिश और मानहानि शामिल हैं.
बता दें कि 4 सितंबर को हाथरस के बुलगढ़ी गांव के ही उच्च जाति के चार युवकों ने युवती के साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया था. युवती खेतों में निर्वस्त्र अवस्था में मिली थी. उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे और हड्डियां टूटी हुई थीं. उसके शरीर से खून बह रहा था. यह भी पढ़ें | प्रियंका गांधी ने सीएम योगी से पूछा सवाल- हाथरस डीएम पर कार्रवाई कब? न्यायिक जांच के आदेश कब?
गैंगरेप पीडि़त की मंगलवार को दिल्ली (Delhi) के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी और पुलिस ने रात में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया. परिवार का कहना है कि वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने के आदेश दिए हैं. हाथरस गैंगरेप घटना की पीड़िता के इंसाफ के लिए देशभर में आवाज उठ रही है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में, हाथरस मामले में उनकी सरकार पर किए गए हमलों को लेकर विपक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि वे दंगों और बाधा उत्पन्न करने वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए "नए षड्यंत्र में लिप्त" हैं.