हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता से ही प्रेरणा मिलेगी, इस पवित्र ग्रंथ से पूरी मानवता को शांति का संदेश दिया गया. यह ग्रंथ किसी एक जाति या धर्म का नहीं है, अपितु यह ग्रंथ हर वर्ग और हर व्यक्ति के लिए है. गीता के उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है और यह हरियाणा का सौभाग्य है कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर ही 5158 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए.
राज्यपाल आज कुरुक्षेत्र में हरियाणा के सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की आजादी के अमृत महोत्सव व राज्यस्तरीय प्रदर्शनी के उदघाटन सत्र में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इससे पहले राज्यपाल श्री बंडारु दत्तात्रेय ने रिबन काटकर प्रदर्शनी का विधिवत रूप से उदघाटन किया. इस दौरान पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, खेल मंत्री सरदार संदीप सिंह, सांसद श्री नायब सिंह सैनी, विधायक श्री सुभाष सुधा, त्रिदंडी चिन्ना मन्नारायणा रामानुज जीयर स्वामी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य श्री इन्द्रेश ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया. यह भी पढ़े: Lord Krishna Quotes: भगवद् गीता से भगवान श्रीकृष्ण के ये 10 अनमोल वचन जीवन के प्रति बदल सकते हैं आपका नजरिया
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि इस गीता जयंती महोत्सव से सांस्कृतिक, अध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने का एक मार्ग मिलता है. उन्होंने कहा कि विश्व गुरु भारत प्रदर्शनी में दर्शाया गया है कि किस प्रकार सेना अधिकारियों, वैज्ञानिकों और हर क्षेत्र में कार्य करने वाले महान लोगों को विश्व गुरु भारत की प्रेरणा मिलेगी.
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता में प्रत्येक मानव की समस्या का समाधान है. इस ग्रंथ के उपदेशों से पूरी मानवता का कल्याण संभव है। इस पवित्र ग्रंथ के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के उदेश्य से ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को एक बड़ा स्वरुप दिया गया है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री इंद्रेश ने कहा कि भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा. इसी धारणा को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ रहे हैं.
राज्यपाल ने इस अवसर पर सीडीएस चीफ श्री बिपिन रावत व अन्य जवानों की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिमला में जरनल बिपिन रावत से मुलाकात हुई थी जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि भारत का सशस्त्र बल तकनीकी रुप से बहुत आगे निकल चुका है और किसी भी देश का दुस्साह नहीं कि भारत की तरफ देख भी सके। उन्होंने कहा कि उनके निधन से बहुत भारी क्षति हुई है, परमपिता परमात्मा जरनल रावत और सभी जवानों की आत्मा को शांति प्रदान करे.