करनाल: कृषि कानून (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जिस तरह किसान बैठे हुए है, उसी तरह किसानों ने हरियाणा (Haryana) के करनाल (Karnal) के लघु सचिवालय के बाहर अपना डेरा जमा लिया है. तीसरे दिन भी किसान एसडीएम आयुष सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि अधिकारी पर कार्रवाई की मांग अब किसानों के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है. Haryana: करनाल में किसानों के आंदोलन को देखते हुए मोबाइल इंटरनेट-SMS सेवा रात 12 बजे तक बंद
दरअसल किसान नेताओं ने बुधवार प्रशासन के साथ बातचीत करने के बाद यह एलान किया कि, किसानों धरना बदस्तूर जारी रहेगा. करनाल के सेक्टर 12 लघु सचिवालय के बाहर जिस तरह किसानों ने अपना पक्का मोर्चा करने की तैयारी कर ली है. उससे यह साफ हो चुका है कि किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग है.
आशंका है कि स्थानीय लोगों को कहीं आगामी दिनों में उसी तरह परेशानियां न उठानी पड़े, जिस तरह दिल्ली की सीमाओं के आस-पास निवासी लोग उठा रहे हैं. दरअसल सेक्टर-12 रोड पर अब किसान पक्का मोर्चा बना चुके हैं, इससे अब सरकारी काम के अलावा गैर सरकारी काम भी प्रभावित होगा.
Haryana: Farmers continue their demonstration outside mini secretariat in Karnal, demanding action against the officials who ordered lathi-charge against protesters in the district last month
State Govt has suspended mobile internet and SMS services in the district today pic.twitter.com/ufftkQswkb
— ANI (@ANI) September 9, 2021
जानकारी के अनुसार, सचिवालय के अंदर करीब 40 विभाग है, वहीं सचिवालय के स्थानीय क्षेत्र में करीब 10 बीमा कंपनियां,15 से अधिक बैंक और करीब 40 निजी कार्यलय मौजूद हैं. वहीं हर दिन हजारों की संख्या में लोग यहां काम करने आते हैं.
हालांकि किसान यह साफ कर चुके हैं, पक्का मोर्चा को इस तरह संचालित किया जाएगा जिससे आम लोगों को काम करने में कोई दिक्कत न आए, वहीं आवाजाही में किसी तरह की कोई समस्या खड़ी न हो. किसान बीते दो दिनों से धरना स्थल के आस पास ही सड़क पर दरी बिछा कर रात गुजार रहें हैं. बुजुर्ग किसान हुक्का पीने के साथ-साथ ताश खेलते दिखे.
दरअसल 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री एक बैठक होने के कारण किसान अपना विरोध दर्ज कराने के आगे बढ़े तो पुलिस के साथ झड़प हुई. झड़प में कई किसान घायल हुए, वहीं एक किसान की मृत्यु भी हो गई. इसके अलावा ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की किसानों के सिर फोड़ने की वीडियो वायरल होने के बाद किसानों में आक्रोश दिखा, मामले ने इतना तूल पकड़ा की किसानों ने महापंचायत की और लघु सचिवालय घेराव कर दिया.