हंदवाड़ा मुठभेड़: भारत माता के वीर जवान कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश कुमार और लांस नायक दिनेश सिंह की शहादत पर नम हुई आंखे, देश में शोक

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ के रजवार जंगल स्थित एक गांव में रविवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना के चार जवान कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश शहीद हो गए

हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीद जवान कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश कुमार, लांस नायक दिनेश सिंह (Photo Credis ANI)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हंदवाड़ (Handwara) के रजवार जंगल स्थित एक गांव में रविवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ (Encounter) में सेना के चार जवान कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश शहीद हो गए. ये सभी ब्रिग्रेड आफ द गार्ड्स रेजीमेंट से थे और वर्तमान में 21 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा थे जो कि आतंकवाद निरोध के लिए तैनात थे. हाल के वर्षों में सेना को हुआ यह सबसे बड़ा नुकसान है. क्योंकि इससे पहले वर्ष 2015 में आतंकवाद की अलग-अलग घटनाओं में दो कर्नल रैंक के अधिकारी शहीद हुए थे. वहीं सेना के इन जवानों के शहीद होने पर पूरे देश में शोक है.

इन जवानों के शहादत पर पूरे देश में शोक है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंड, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत आदि लोगों ने सेना के इन जवानों के शहीद होने पर शोक जताते हुए सभी की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की गई है. यह भी पढ़े: जम्मू-कश्मीर: हंदवाड़ा आतंकी मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा समेत सेना के 4 जवान और एक सब-इंस्पेक्टर शहीद, 2 आतंकी ढेर

कर्नल आशुतोष शर्मा

कर्नल आशुतोष शर्मा एक तेज-तरार्र आफिसर थे. वे 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर भी थे. वे ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स रेजीमेंट से थे. काफी समय से कश्मीर घाटी में तैनात थे और जम्मू-कश्मीर  के कई सफल ऑपरेशन के हिस्सा रहे थे. कश्मीर में तैनाती के दौरान उन्हें दो बार वीरता पुरस्कार मिल चुका था. वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे. उनकी बचपन से इच्छा  थी कि वे सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें.

मेजर अनुज सूद:

मेजर अनुज सूद हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले थे. वे बचपन से ही पढ़ने पर प्रतिभाशली थे. उन्होंने पंजाब पब्लिक स्कूल, नाभा के छात्र रहे अनुज सूद पढ़ाई में बेहद तेज रहे. अनुज सूद का चयन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में हो गया था, लेकिन उन्होंनेइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) की जगह एनडीए को चुना. इन्फैंट्रीमैन होने के बावजूद उन्होंने आईआईएससी बेंगलुरु से एमटेक किया और डिस्टिंक्शन मार्क से टॉप किया. उनके पिता चंद्रकांत सूद भी सेना में थे. वे ब्रिगेडियर के पद से रिटायर हुए थे.

लांस नायक दिनेश सिंह:

लांस नायक दिनेश सिंह  उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले थे.  वे सेना में  2015 में शामिल हुए थे. उनके पिता भी सेना में थे. जो रिटायर हैं. उनकी अभी शादी नहीं हुई थी. कहा जा रहा है परिवार वाले शादी की तैयारी कर रहे थे. लेकिन अभी तक कही रिश्ता तय नहीं हुआ था. वे  दिसंबर 2019 में आखिरी बार घर आए थे और जून में छुट्टी मिलने के बाद घर आने वाले थे. लेकिन परिवार से मिलने का उनका सपन साकार नहीं हो सका इसके पहले ही शहीद हो गए.

नायक राजेश कुमार:

हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीद नायक राजेश कुमार पंजाब के मनसा जिले के रहने वाले थे. उनका गांव राजराणा सारदुलगढ़ तहसील में पड़ता है. कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद के साथ ही राजेश कुमार भी आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. उनके शहीद होने पर पंजाब सरकार की तरफ से 10 लाख रुपये की मदद के साथ घर और परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने का सरकार की तरफ से ऐलान हुआ है.

दरअसल सेना के अधिकारियों को सूचना मिली कि हंदवाड़ा के चंगीमुल्ला इलाके में एक मकान में आतंकवादियों द्वारा कुछ नागरिकों को बंधक बनाए गये हैं. जिन नागरिकों को एक संयुक्त अभियान के तहत रिहा कराने के लिए सेना के ये जवान वहां पर पहुंचे. सेना के जवानों ने बंधक बनाए नागरिकों को बचाने में जरूर कामयाब हुए लेकिन इस बीच सेना आतंकियों के बीच शूरू गोलीबारी में सेना के चार जवान के साथ एक पुलिस वाला शहीद हो गया. (इनपुट भाषा)

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