हल्द्वानी,15 फरवरी : हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हिंसा होने के बाद से ही यहां कर्फ्यू लगा दिया गया है. लेकिन आज से कुछ घंटों के लिए वनभूलपुरा में कुछ शर्तों के साथ कर्फ्यू में ढील दी गई है. वनभूलपुरा के हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों में कुछ जगह 7 तो कुछ जगह 2 घंटे की कर्फ्यू में ढील दी गई है.
जिलाधिकारी वंदना सिंह नैनीताल द्वारा जारी आदेश में आज से कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में कहीं 2 तो कहीं 7 घंटे की ढील दी जा रही है. इसके चलते कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु व्यावसायिक प्रतिष्ठान संचालित होंगे. साथ ही क्षेत्र के जन सामान्य आवश्यक वस्तुओं की क्रय विक्रय और दुकानों तक आवागमन कर सकेंगे. यह भी पढ़ें : Farmers Protest: पंजाब के पटियाला में किसानों ने ब्लॉक किया रेलवे ट्रैक, कहा- मांग पूरी न होने तक जारी रहेगा आंदोलन- VIDEO
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को आवागमन की अनुमति संबंधित मजिस्ट्रेट के पास के उपरांत दी जाएगी. यह अनुमति कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के अंतर्गत होगी. कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र के निवासियों का क्षेत्र से बाहर आने और जाने पर प्रतिबंध होगा. कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में रहने वाले छात्र- छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं, विश्वविद्यालय की परीक्षाओं एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रवेश पत्र दिखाए जाने के उपरांत परीक्षा अवधि में परीक्षा स्थल तक आवागमन की अनुमति दी गई है.
हिंसा और कर्फ्यू की स्थिति सामान्य होने के बाद यहां के मदरसें में पढ़ने वाले बच्चों को उनके नजदीक स्कूलों में एडमिशन कराया जाएगा, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो. इसके लिए अपर जिला अधिकारी पी.आर.चौहान ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित हुए कहा कि तथाकथित मदरसे में पंजीकृत बच्चों की सूची तैयार करते हुए उनका प्रवेश निकटतम विद्यालय में किये जाने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें, जिससे बच्चों का पठन पाठन कार्य प्रभावित ना हो.
उन्होंने निर्देश दिए कि सूची तैयार करने के लिए नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी से समन्वय करते कर्फ्यू के दौरान ही कार्यवाही की जाए, जिससे कर्फ्यू हटने के बाद तत्काल विद्यालय में प्रवेश कराया जा सके. जोनल मजिस्ट्रेट ए.पी.वाजपेई ने बताया कि कर्फ्यू ग्रस्त वनभूलपुरा क्षेत्र में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र वनभूलपुरा में बाल रोग विशेषज्ञ महिला एवं प्रसूति चिकित्सक एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम को भी तैनात किया गया है. साथ ही अस्पताल में पैथोलॉजी की सुविधा के साथ ही लोगों को हर आवश्यक सामग्री और दवाइयों की पूर्ति की जा रही है.