Guru Purnima 2020: पीएम मोदी ने युवाओं से की भगवान बुद्ध के विचारों से जुड़ने की अपील, कहा- उनके आदर्शों में छिपा है मौजूदा चुनौतियों का समाधान
पीएम नरेंद्र मोदी (Photo Credit-ANI)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने एक वीडियो संदेश देकर भगवान बुद्ध की आठ शिक्षाओं का जिक्र किया. पीएम मोदी ने अपने शांति संदेश में भगवान बुद्ध से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा, "आज आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं. इसे गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया. उस भावना में हम भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देते हैं." इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा दिखाया गया आठ मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों के कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है. यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है. भगवान बुद्ध की शिक्षाएं विचार और क्रिया दोनों में सरलता लाती है. पीएम ने कहा, बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है. लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना. शांति और अहिंसा का आदर करना. इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है. यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर की बात, भारत में होने वाले शिखर सम्मेलन पर हुई चर्चा. 

यहां देखें पीएम मोदी का संबोधन:

पीएम मोदी ने बताया कि गौतम बुद्ध ने सारनाथ में दिए अपने पहले उपदेश में और बाद के दिनों में भी दो चीजों को लेकर बात की, आशा और उद्देश्य. उन्होंने इन दोनों के बीच मजबूत लिंक देखा. क्योंकि आशा से ही उद्देश्य पैदा होता है. पीएम मोदी ने कहा कि तेज तर्रार युवा मन वैश्विक समस्याओं का हल लेकर आ रहा है. भारत के पास सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईको-सिस्टम है. मैं अपने युवा दोस्तो से भी अपील करूंगा कि वो बुद्ध के विचारों से जुड़ें. वे खुद भी उनसे मोटिवेट हों और दूसरों को भी आगे का रास्ता दिखाएं.

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि आज दुनिया कठिन चुनौतियों से लड़ रही है. इन चुनौतियों के लिए स्थायी समाधान, भगवान बुद्ध के आदर्शों से मिल सकते हैं. पीएम ने कहा भगवान बुद्ध के विचार अतीत में प्रासंगिक थे. वे वर्तमान में प्रासंगिक हैं और, वे भविष्य में प्रासंगिक रहेंगे.

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने भी अपना संबोधन दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह 9 बजे के करीब राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि भारत को धर्म की उत्पत्ति की भूमि होने पर गर्व है. राष्ट्रपति कोविंद ने इस मौके पर कहा कि आज से लगभग 2500 साल पहले आषाढ़ पूर्णिमा पर पहली बार बुद्धि शब्द बोला गया था.