अहमदाबाद: गुजरात में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने राज्य को बाढ़ जैसी स्थिति में ला दिया है. पिछले दो दिनों में 16 लोगों की मौत हो चुकी है और मौसम विभाग (IMD) ने अगले कुछ दिनों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात के कई जिलों, जैसे वडोदरा, छोटा उदयपुर, नर्मदा, भरूच, और सूरत में 'रेड' अलर्ट जारी किया है. IMD के वैज्ञानिक रामाश्रय यादव के अनुसार, यह गहरा दबाव 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है और सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में "अत्यधिक भारी से लेकर बेहद भारी" बारिश का कारण बन सकता है. अगले चार दिनों तक यह स्थिति बनी रहने की संभावना है.
मौसम विभाग ने बताया, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में एक गहरे दबाव के कारण भारी बारिश हो रही है, जिसका केंद्र फिलहाल भुज से 50 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है. यह गहरा दबाव धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व की ओर अरब सागर की ओर बढ़ रहा है, जिससे इन क्षेत्रों में और भी भारी बारिश की संभावना है.
सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में गहरा दबाव
Deep depression over Saurashtra & Kachchh remained practically stationary during past 6 hours and about 50 km north-northwest of Bhuj (Gujarat).To move W-SW and emerge into northeast Arabian Sea by morning of 30th August.
— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 28, 2024
वडोदरा में हालात गंभीर
वडोदरा में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है. शहर में लगातार दो दिनों से कई फीट पानी भर गया है, जिसमें कुछ इलाकों में पानी की गहराई 12 फीट तक पहुंच गई है. वडोदरा से बहने वाली विश्वामित्री नदी ने भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़ने के बाद 37 फीट का खतरनाक स्तर पार कर लिया है. इसने पूरे शहर में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है, जिसके चलते राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्यों में सेना की मदद लेनी पड़ी है.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने वडोदरा की स्थिति को "चिंताजनक" बताया है. स्थानीय प्रशासन ने अब तक 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और लगभग 1,200 फंसे हुए लोगों को बचाया है.
पटेल ने कहा कि अतिरिक्त सेना के जवानों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए तैनात की गई हैं. इसके बावजूद, शहर के बड़े हिस्से अब भी पानी में डूबे हुए हैं, जिनमें सिद्धार्थ नगर, अकोटा और फतेहगंज जैसे महत्वपूर्ण इलाके सबसे अधिक प्रभावित हैं.
पूरे गुजरात में संकटपूर्ण स्थिति
गुजरात के अन्य हिस्सों में भी हालात गंभीर बने हुए हैं. बारिश से जुड़ी घटनाओं में पिछले दो दिनों में 16 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं. राज्य में लगातार चौथे दिन भी भारी बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य सरकार बाढ़ से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाश रही है, जिसमें एक प्रस्ताव अजवा बांध के पानी को पहले से ही उफान पर चल रही विश्वामित्री नदी की बजाय नर्मदा नहर में मोड़ने का है. स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि इस योजना पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के साथ चर्चा की गई है.