नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा एक बड़ा टैक्स चोरी (Tax Evasion) का मामला सामने आया है. जहां कुछ लोगों जीएसटी (GST) का फर्जी बिल (Fake Bill) बनाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी कर रहे थे. बताया जा रहा कि 17 फर्जी कंपनियां बनाई गई थी, जिसके सहारे लगभग 436 करोड़ रुपये का माल खरीदने-बेचने का फर्जी बिल तैयार किया गया था. इस मामलें में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया “जीएसटी अधिकारियों ने सर्कुलर कारोबार के एक प्रमुख संचालन का भंडाफोड़ किया है. इसके तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के फर्जी पुनर्भुगतान के लिए फर्जी रसीदों का इस्तेमाल किया जाता था. इस मामलें में आसिफ खान, राजीव चटवाल और अर्जुन शर्मा को गिरफ्तार किया गया है. ये सभी 17 फर्जी फर्म चला रहे थे और इन लोगों ने बिना माल की आपूर्ति के 436 करोड़ के बराबर की रसीदें हासिल की थीं. जबकि गलत आधार पर प्राप्त की गई आईटीसी द्वारा इन लोगों ने 11.55 करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान के लिए दावा किया था. मोदी सरकार का फैसला, लॉटरी पर 1 मार्च से लगेगा 28 प्रतिशत की दर से एक समान GST
Officers of Anti-Evasion, Central GST Delhi East Commissionerate have busted a firm for issuing fake invoices to claim an input tax credit of goods worth Rs 436 Crores.
— ANI (@ANI) March 2, 2020
जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि आरोपित व्यक्ति कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से हवाला कारोबार में भी लिप्त थे. इन बैंक कर्मचारियों की भी जांच चल रही है. जांच में यह खुलासा हुआ कि जिन 17 फर्मों से लेनदेन दिखाया जा रहा था, वे सिर्फ कागज पर हैं. इसके किसी भी लेनदेन करने वाली कंपनियों, प्राप्तकर्ता और आपूर्तिकर्ता का कोई अता-पता नहीं है.
उधर, इसमें शामिल कुछ व्यापारियों की भी जांच चल रही है. साथ ही यह भी पता लगा है कि पुराने वैट कानून के दौरान भी आसिफ खान इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त रहा है. यह भी पता लगा है कि तीनों आरोपी अपने काले साम्राज्य को अन्य राज्यों में भी फैलाने की योजना बना रहे थे. सभी आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट ने आज 13 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मामले की आगे जांच चल रही है.