GST काउसिंल की 28 मई को अहम बैठक, चिकित्सा आपूर्ति शुल्क में कटौती पर विचार संभव
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली: जीएसटी (GST) परिषद की इस साल पहली बार 28 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी. देश में चल रही कोविड लहर की पृष्ठभूमि में होने वाली बैठक में विशेष रूप से आवश्यक चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति शुल्क में कटौती पर विचार और कुछ कोविड राहत उपायों की घोषणा की उम्मीद है. यह उपकर संग्रह में संभावित कमी के कारण 2021-22 में उत्पन्न होने वाले क्षतिपूर्ति उपकर पर चर्चा करते हुए उल्टे शुल्क को ठीक करने के लिए कुछ उपायों की भी घोषणा कर सकता है.

दोपहिया वाहनों के लिए जीएसटी दरों को कम करने और प्राकृतिक गैस को अप्रत्यक्ष कर के दायरे में लाने सहित दो अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं को भी चर्चा के एजेंडे में शामिल किया जा सकता है. सूत्रों ने कहा कि पंजाब जैसे कुछ राज्यों ने कोविड के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति पर जीएसटी शुल्क में कटौती की मांग की है। परिषद कुछ उपायों पर चर्चा कर सकती है, जैसे कोरोनोवायरस से संबंधित आइटम जैसे हैंड सैनिटाइजर, फेस मास्क, दस्ताने, पीपीई किट, तापमान स्कैनर, ऑक्सीमीटर, कुछ कोविड दवाएं और वेंटिलेटर पर जीएसटी को कम करना या ड्यूटी से छूट देना.

दस्ताने, मास्क और अन्य प्रमुख कोविड-19 चिकित्सा आपूर्ति पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आम तौर पर 12 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आता है। हालांकि पीपीई पर जीएसटी पर 5 फीसदी की न्यूनतम दर लागू है। जबकि एंबुलेंस सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है, एंबुलेंस वाहन की खरीद पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है.

गौरतलब है कि केंद्र ने पहले ही सीमा शुल्क और आईजीएसटी, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, पीपीई किट, ऑक्सीजन कंसंटेटर, ऑक्सीजन कैनिस्टर, फिलिंग सिस्टम, स्टोरेज टैंक, वेंटिलेटर, कंप्रेशर्स सहित अन्य समान वस्तुओं से छूट दी है। शुल्क छूट से इन वस्तुओं की उपलब्धता को बढ़ावा देने के साथ-साथ इन्हें सस्ता किए जाने की उम्मीद है.

अब गेंद जीएसटी परिषद के पाले में है कि इस तरह की चिकित्सा वस्तुओं की खरीद और आपूर्ति जो स्थानीय स्तर पर की जा रही है, उस पर क्या जीएसटी छूट या कटौती को भी उसी के अनुसार बढ़ाया जाना चाहिए.

पिछले साल अक्टूबर से जीएसटी परिषद की बैठक नहीं हुई है.  वित्त मंत्रियों के पैनल ने पिछली बैठक में जीएसटी मुआवजे और केंद्र द्वारा जीएसटी की कमी की भरपाई के लिए पेश किए गए फॉर्मूले पर चर्चा की थी.