पणजी: मंदी के बीच जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) परिषद की 37वीं बैठक आज यानि शुक्रवार को होने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में होनेवाली बैठक में राजस्व और आर्थिक वृद्धि को गति देने की जरूरत को ध्यान में रखने में हुए कर भार को हल्का किया जा सकता है.
देश के लगभग सभी सेक्टर आर्थिक संकट से जूझ रहे है. विभिन्न उद्योगों ने कारोबार को मुनाफे में लाने के लिए जीएसटी में कटौती की मांग के बीच यह बैठक हो रही है. जिसके मद्देनजर विशेषज्ञों ने वित्त मंत्रालय को जीएसटी दरों में कुछ सुधार करने की सलाह दी है. हालांकि अभी तक बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि सीतारमण ऐसी कुछ योजनाओं का ऐलान कर सकती है, जो देश में धीमी गति से चल रहे कारोबार को बढ़ावा देंगी.
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के न्यूनतम स्तर 5 प्रतिशत पर आ गई है. बिस्कुट, होटल और रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों समेत कई उद्योग जीएसटी दरों में कटौती की मांग कर रहे हैं. इसके पीछे दलील यह दी जा रही है कि इससे खपत और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा.
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हालांकि कई राज्यों का मानना है कि इस समय जीएसटी दर में कटौती करने से उनकी कमाई कम हो जाएगी. सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद ईंट भट्टा, बालू खनन गतिविधियां और पत्थर की गिट्टियों (स्टोन क्रशर्स) की आपूर्ति करने वाले करदाताओं के लिये विशेष एक मुश्त योजना की पेशकश कर सकती है.
साथ ही जीएसटी कानून में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर ओर लद्दाख को इसके दायरे में लाया जा सकता है. वहीं होटल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 12,000 रुपये प्रति रात वाले कमरों को 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में रखने की सिफारिश की गई है, जो कि मौजूदा समय में 7,500 रुपये है.