UP में डॉक्टरों की घोर लापरवाही! ऑपरेशन के बाद पेट के अंदर छोड़ दी रूई और पट्टी! महिला की हालत गंभीर
महिला के अपेंडिक्स ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उनके पेट में रूई और पट्टी छोड़ दी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई. महिला के टांकों से पस निकलने लगा.
उत्तराखंड के हापुड़ में वेलनेस अस्पताल में डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक महिला के अपेंडिक्स ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने उनके पेट में रूई और पट्टी छोड़ दी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई.
जब महिला के परिवार ने उनका इलाज दूसरे अस्पताल में कराया, तब यह लापरवाही सामने आई. इस घटना ने जनता में गुस्सा फैला दिया है, जिसके कारण अस्पताल के बाहर प्रदर्शन हुआ और डॉक्टर भाग गए. देर रात पुलिस को स्थिति शांत करने के लिए बुलाया गया.
यह मामला तब शुरू हुआ जब रेलवे रोड पर निराश्रय सेवा समिति के सदस्य टिंकू ने बताया कि उनकी पत्नी पूनम लगभग 20 दिन पहले बीमार पड़ गई थी. वेलनेस अस्पताल के डॉक्टरों ने उनका निदान अपेंडिक्स के रूप में किया और ऑपरेशन की सलाह दी. पूनम को 15 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 13 दिन पहले उनका ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के छह दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था.
पूनम की तबीयत बिगड़ी
जल्द ही उनकी तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई. पूनम के टांकों से पस निकलने लगा और टिंकू बार-बार उनको वेलनेस अस्पताल में ड्रेसिंग के लिए ले जाते रहे. जब बुधवार को उनकी तबीयत और भी बिगड़ गई, तो टिंकू उनको दूसरे अस्पताल ले गए. वहां, पूरी जांच के बाद पता चला कि वेलनेस अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में रूई और पट्टी रख दी थी, जिससे संक्रमण हो गया था. नई मेडिकल टीम ने टांके हटा दिए और उनके पेट से विदेशी सामग्री निकाली.
इस घोर लापरवाही का खुलासा होने पर पूनम के परिवार और स्थानीय निवासियों में गुस्सा फूट पड़ा. वेलनेस अस्पताल के बाहर प्रदर्शन हुआ, जिसमें प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे थे. इस हंगामे के बीच, डॉक्टर अस्पताल से भाग गए. पुलिस स्थिति शांत करने के लिए पहुंची और भीड़ को आश्वस्त किया कि कार्रवाई की जाएगी.
कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली: पुलिस
पुलिस ने बताया है कि अभी तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने पुष्टि की कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत किया है और औपचारिक शिकायत मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. घटना की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी गई है, जिन्होंने पूरी जांच का वादा किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह घटना एक बार फिर से सबको याद दिलाती है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में लापरवाही का दुष्प्रभाव कितना भारी हो सकता है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है.