देशभर में नागरिकता कानून, एनआरसी, एनपीआर पर जारी बवाल के बीच ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) से आर्थिक जनगणना करने वाली टीम को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है. ग्रेटर नोएडा के छौलस गांव में राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण करने वाले पांच-छह व्यक्तियों की एक टीम को एनआरसी का सर्वे करने वाले समझकर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. सरकारी कर्मचारी को एनआरसी सर्वे करने वाले समझा गया. यह अफवाह पूरे गांव में फैल गई. अफवाह से आक्रोशित ग्रामीणों के समूह ने इन कर्मचारियों को बंधकर बना लिया. हालांकि, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कुछ देर बाद ही सभी को छोड़ दिया गया था.
पुलिस के अनुसार, एक ग्रामीण स्तर के उद्यमी, राज सिंह और उनकी टीम ग्रामीण क्षेत्रों में उन सेवाओं के बारे में डेटा इकठ्ठा कर रही थी, जहां मंगलवार को कुछ निवासियों द्वारा इंटरनेट कनेक्टिविटी कम होने की संभावना है. मामले में जारचा पुलिस स्टेशन में कुल 41 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें 40 अज्ञात हैं.
यह भी पढ़ें- हैदराबाद: UIDAI ने 127 लोगों को जारी किया नोटिस, कहा- इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं.
बता दें कि पूरे देश में एनआरसी को लेकर बहस जारी है. दिल्ली के शाहीनबाग में 2 महीने से अधिक समय से CAA, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है. देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगह अलग-अलग तरह की अफवाहें फैल रही हैं.
नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी इस तरह के कानूनों को लाकर संविधान के साथ छेड़छाड़ कर रही है. विपक्ष ने मोदी सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया. वहीं बीजेपी का कहना है कि विपक्ष पूरे मामले में देश को गुमराह कर राजनीति कर रहा है.